
Life Expectancy: भारत में अलग-अलग राज्यों में लोगों की औसत उम्र में अच्छा-खासा अंतर देखने को मिलता है. कुछ राज्यों में लोग राष्ट्रीय औसत से कई साल कम जी पाते हैं, तो कुछ जगह यह औसत काफी ज्यादा है. लाइफ एक्सपेक्टेंसी (Life Expectancy) के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि देश के एक राज्य में लोग औसतन करीब साढ़े 4 साल कम जीते हैं, जबकि कुछ राज्यों में यह आंकड़ा 75 साल से भी ऊपर है. यह अंतर किसी एक साल का नहीं, बल्कि लगातार देखा गया रुझान है.
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देश का औसत और सबसे पीछे छत्तीसगढ़
भारत में औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी 69.7 साल है. यानी अगर देश के सभी राज्यों को मिलाकर देखा जाए, तो एक भारतीय औसतन इतनी उम्र तक जी पाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ का हाल सबसे खराब है. यहां औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी सिर्फ 65.3 साल है. इसमें पुरुषों की औसत उम्र 63.7 साल और महिलाओं की 66.9 साल दर्ज की गई है. यह आंकड़ा देश के औसत से साढ़े 4 साल कम है.
उत्तर प्रदेश में भी हाल बेहतर नहीं
कम लाइफ एक्सपेक्टेंसी वाले राज्यों में दूसरा नंबर उत्तर प्रदेश का है. यहां कुल औसत 65.6 साल है. पुरुष औसतन 65 साल और महिलाएं 66.2 साल तक जीती हैं. यह भी राष्ट्रीय औसत से लगभग 4 साल कम है. तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां औसत जीवन प्रत्याशा 67 साल है. पुरुषों की औसत उम्र 65.2 साल और महिलाओं की 69.1 साल है. असम में यह आंकड़ा 67.5 साल है, जिसमें पुरुष 66.8 साल और महिलाएं 68.3 साल तक जीती हैं.
क्यों है इतना फर्क?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, औसत उम्र में फर्क के पीछे कई वजहें हैं- जैसे स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, गरीबी, पोषण की दिक्कत, बीमारियों का ज्यादा फैलाव और समय पर इलाज न मिल पाना. जिन राज्यों में हेल्थकेयर सिस्टम कमजोर है या लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, वहां औसत उम्र भी कम होती है.
महिलाएं जीती हैं ज्यादा
रिपोर्ट में एक और दिलचस्प पैटर्न दिखा. भारत में कुल मिलाकर महिलाएं औसतन पुरुषों से करीब 2.7 साल ज्यादा जीती हैं. राष्ट्रीय स्तर पर पुरुषों की औसत उम्र 68.4 साल और महिलाओं की 71.1 साल दर्ज की गई है. लगभग हर राज्य में यही ट्रेंड है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं.
ये आंकड़े SRS-Abridged Life Tables से लिए गए हैं, जिसे ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर, इंडिया ने तैयार किया है. यह डेटा भारत में मौत और जन्म से जुड़े आंकड़ों के लंबे समय के अध्ययन पर आधारित है.
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