Blood Relation Reasoning Tricks: सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को करीब-करीब हर एग्जाम में ब्लड रिलेशन वाले सवाल का सामना करना पड़ता है. UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, पुलिस या किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम में यह टॉपिक लॉजिकल स्किल और एनालिसिस को टेस्ट करता है. लेकिन प्रॉब्लम ये है कि आज ज्यादातर लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं, इसलिए सभी रिश्तों की समझ कम हो गई है. खासकर जब सवाल कोडेड फॉर्म में आते हैं, तो कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं. अगर आपको भी इन सवालों में दिक्कत होती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं. यहां हम आपको आसान तरीका बताने वाले हैं, जिससे आप इन सवालों को तेजी से और बिल्कुल सही तरीके से सॉल्व कर पाएंगे.
ब्लड रिलेशन वाले सवाल कैसे पूछे जाते हैं
ब्लड रिलेशन सवाल कई फॉर्म में आते हैं. सबसे पहले इन्हें समझना जरूरी है. कुछ सवाल नॉर्मल बातचीत की तरह होते हैं, जहां कोई व्यक्ति दूसरे का रिश्ता किसी तीसरे से बता रहा होता है. कुछ सवालों में एक ही परिवार के कई लोगों की जानकारी दी जाती है और उन पर सब-क्वेश्चन पूछे जाते हैं. सबसे चैलेंजिंग कोड वाले रिश्ते होते हैं, जहां रिश्तों को सिंबल्स से दिखाया जाता है. यहीं पर स्टूडेंट सबसे ज्यादा उलझ जाते हैं.
सबसे पहले रिश्तों के नाम याद रखें
बहुत से स्टूडेंट इसलिए अटक जाते हैं, क्योंकि उन्हें बेसिक रिश्तों के हिंदी-इंग्लिश मतलब क्लियर नहीं होते. जैसे, पिता का भाई चाचा, मां की बहन मासी, भाई की बेटा भतीजा, बहन की बेटी भांजी अन्य. जब रिश्तों के नाम साफ दिमाग में होंगे, तो आगे की ट्रिक जल्दी काम करेगी.
कोड वाले सवाल क्यों मुश्किल लगते हैं?
कोड रिलेशन सवालों में रिश्तों को +, -, /, *, >, < जैसे सिंबल्स से लिखा जाता है. इसी वजह से दिमाग तुरंत कंफ्यूज हो जाता है कि कौन किसका क्या है. असल में दिक्कत सिंबल्स से नहीं, बल्कि जेंडर और जेनरेशन गैप को समझने में होती है. अगर आपने यह दो चीजें पकड़ लीं, तो सवाल सेकंडों में बनने लगेगा.
ब्लड रिलेशन वाले सवालों के जवाब देने की ट्रिक
पहला स्टेप
किसी भी कोडेड सवाल में पहला काम यह करना है कि यह पता लगाया जाए कि दिए गए व्यक्ति का जेंडर क्या है यानी वह मेल है या फीमेल. अगर आप शुरुआत में ही यह समझ लेते हैं, तो आधे ऑप्शन अपने आप हट जाते हैं. मान लीजिए A + B मतलब A, B का पिता है तो A मेल यानी पुरुष है. अगर सिंबल ऐसा है जो मां दिखाता है तो संबंधित व्यक्ति फीमेल है. यानी जेंडर क्लीयर होना ही सॉल्व करने की पहली ट्रिक है.
एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में क्या होता है अंतर? जानें इन्हें लेकर क्या हैं नियम
दूसरा स्टेप
जेनरेशन गैप समझना दूसरी सबसे ताकतवर ट्रिक है. अगर कोई पिता-पुत्र संबंध है, तो एक व्यक्ति ऊपर की जेनरेशन में होगा. अगर भाई-बहन हैं, तो दोनों एक ही लेवल पर होंगे. अगर दादा-पोता का रिश्ता है, तो एक दो लेवल ऊपर होगा. जब आप यह महसूस कर लेते हैं कि रिश्ता ऊपर है या नीचे, तो गलत उत्तर अपने आप हटते जाते हैं.
तीसरा स्टेप
बहुत बार दो-दो ऑप्शन सही लगते हैं. ऐसे समय में कागज पर सिंपल फैमिली डायग्राम बनाना सबसे सही होता है. ऊपर से नीचे पैरेंट-चाइल्ड को दिखाइए, हसबैंड-वाइफ को एक ही लाइन में दिखाइए, भाई-बहन की तिरछी रेखा बनाई जा सकती है. यह तरीका दिमाग को गैर-जरूरी इंफॉर्मेशन लोड से बचाता है और सही रिलेशन तुरंत क्लियर हो जाता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं