- दिल्ली सरकार ने LNJP अस्पताल के निर्माण में प्रक्रियागत उल्लंघनों की जांच के लिए उपराज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है
- नवंबर 2020 में शुरू हुए अस्पताल निर्माण की लागत 465 करोड़ से बढ़कर 1139 करोड़ रुपए हो गई है.
- जांच समिति ने ठेकेदार चयन में पक्षपात और PWD विभाग की लापरवाही को परियोजना की लागत वृद्धि का मुख्य कारण बताया.
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येंद्र जैन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. कल ही जैन को CBI ने 2019 के PWD भर्ती मामले में क्लीन चिट दे दी और आज लोकनायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल निर्माण में जांच को लेकर दिल्ली सरकार ने एलजी को फाइल भेजा है.
एनडीटीवी के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक, नवंबर 2020 में LNJP अस्पताल के नए बिल्डिंग ब्लॉक का निर्माण कार्य शुरू हुआ. शुरूआत में निर्माण कीमत 465 करोड़ का था जो बाद में 1139 करोड़ रुपए का हो गया. देरी के कारण निर्माण कार्य में 244 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
अस्पताल निर्माण में 670 करोड़ अतिरिक्त लगने को लेकर गठित जांच समिति ने प्रक्रियागत उल्लंघनों, लागत में वृद्धि, एक ठेकेदार के पक्ष में टेंडर देने और उसपर PWD द्वारा कोई सवाल नहीं उठाने को लेकर समिति ने जांच की.
उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी ने पाया कि इन खामियों के कारण परियोजना और लागत में ₹1139 करोड़ की वृद्धि हुई है, जो वास्तविक अनुबंध राशि 465 करोड़ का लगभग 243% है. इस रिपोर्ट पर PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमने रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दिया है. उपराज्यपाल अब तय करेंगे कि इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से करना है या किसी अन्य एजेंसी से.
इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जांच सतर्कता विभाग से कहा था कि वह केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से इस मामले में विस्तृत तकनीकी जांच करने के लिए मुख्य तकनीकी परीक्षकों की विशेष टीम गठित करने का अनुरोध करे. साथ ही नियमों के उल्लंघन की जांच जांच करने को कहा था. यह समिति दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में चल रही ऐसी सभी परियोजनाओं की भी जांच करेगी.
बता दे कि, इससे पहले भर्ती प्रक्रिया में कोई सबूत नहीं होने की बात सीबीआई ने कोर्ट में कही थी. जिसके बाद एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.