पिछले कुछ सालों में शतक नहीं स्कोर कर पाने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) सफेद गेंद के फॉर्मेट में अपने पूराने ढर्रे पर लौट चुके हैं. एशिया कप (Asia Cup 2022) के बाद से कोहली ने सीमित ओवरों की क्रिकेट में शतक भी लगाया और जबरदस्त वापसी की. हालाँकि, यह बात टेस्ट फॉर्मेट के लिए अब तक नहीं कहा जा सकती है. उन्होंने अपनी पिछली 13 टेस्ट पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है. मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (India vs Australia) की तीन पारियों में उनका स्कोर 44, 20 और 12 रन का रहा है. भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के पूर्व कप्तान का आखिरी टेस्ट शतक नवंबर, 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ आया था. आइसलैंड क्रिकेट (Iceland cricket) ने हाल ही में एक ट्वीट कर इस पहलू पर प्रकाश डालकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया.
आइसलैंड क्रिकेट ने ट्वीट में लिखा, "यह आँकड़ा हमारे कई भारतीय फैंस को खुश नहीं करेगा, लेकिन विराट कोहली का आखिरी शतक आए अब 23 टेस्ट हो चुके हैं, जो 2019 में आया था. कितना लंबा समय बहुत लंबा होता है?"
यह ट्वीट कोहली के फैंस को बिलकुल रास नहीं आया.
हाल ही में, कोहली ने अपने करियर में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. वो (Virat Kohli Records) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 25,000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए. उन्होंने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट (IND vs AUS 2nd Test) के तीसरे दिन ऐसा किया. इसी के साथ कोहली ने अपने आदर्श मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 577 मैचों में यह उपलब्धि हासिल की थी. वहीं विराट ने 549 मैचों में ऐसा किया है. विराट और सचिन के बाद रिकी पोंटिंग (588), जैक कैलिस (594), कुमार संगकारा (608) और महेला जयवर्धने (701) जैसे दिग्गजों का नाम आता है.














