Eng vs Ind warm-up: पहले वॉर्म-अप मैच में ही भुवनेश्वर ने खुद पर खड़े कर लिए ये 3 सवाल

Eng vs Ind warm-up match: एक बात तय है कि भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) के पहले अभ्यास मैच का प्रदर्शन मैनेजमेंट की मनोदशा को प्रभावित करेगा.

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T20 World Cup: भुवनेश्वर कुमार को लेकर अब मैनेजमेंट के मन में संदेह हो चला होगा
नयी दिल्ली:

जारी टी20 विश्व कप (T20 World Cup) का सुपर-2 राउंड शुरू होने से पहले बड़ी टीमें सोमवार को वॉर्म-अप मैचों के जरिए कुछ सवालों के जवाब ढूंढने निकली. टीम विराट भी इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में कई नहीं, बल्कि कई पेंच कसने के लिए मैदान पर उतरी, लेकिन पावर-प्ले में ही एक बड़ा सवाल खड़ा हो या. और यह सवाल खड़ा हुआ अनुभवी सीमर भुवनेश्वर कुमार के कारण, जो हालिया आईपीएल की तरह ही हत्थे से उखड़े दिखायी पड़े. भुवनेश्वर ने शुरुआती दो ओवरों में ही 21 रन खर्च किए, तो स्लॉग ओवरों में उनका हाल और बुरा रहा. दस रन प्रति ओवर की दर से ज्यादा रन. यह वह बात है, जिसकी उम्मीद किसी स्ट्राइक गेंदबाज से नहीं ही की जाती है. इंग्लैंड के दोनों ओपनरों ने भुवी को बहुत ही सहजता से खेला. और इसी  पहलू ने टीम मैनेजमेंट सहित फैंस के सामने कई सवाल खड़े कर दिए. 

1. क्या पावर-प्ले में कारगर हैं भुवी?
भुवी सफेद गेंद में भारत के स्ट्राइक गेंदबाज रहे हैं. लेकिन अगर ऐसा रहा है, तो उसका रिश्ता बहुत हद तक पिचों और उनकी लय से भी रहा है, लेकिन यूएई में न तो उनके मतलब की पिचें ही हैं और न ही भुवी वह भुवनेश्वर कुमार दिख रहे हैं, जो डेढ़-दो साल पहले तक दिखायी पड़ते थे. उनकी गति कम हुयी है और सीम और स्विंग के खिलाफ बल्लेबाजों को पर्याप्त समय मिल रहा है. यही वजह है कि पावर-प्ले में उनके साथ वह हुआ, जो बटलर और जेसन रॉय ने किया. 

2. कहां फिट  होंगे भुवी?
पारी के बीच के ओवरों में यह सही है कि अनुभवी बॉलरों की जरूरत पड़ती है. यह अनुभवी गेंदबाज ही होते हैं, जो आपको विकेट दिलाते हैं, लेकिन पुरानी गेंद के साथ एक अलग ही कलाकारी की जरूरत होती है. और भुवी मुख्यत: नयी गेंद के ही बॉलर हैं. नयी गेंद की चमक-दमक ही उन्हें रास आती है. अब जबकि उनके खुद के और यूएई के हालात विपरीत हो चले हैं, तो यह सवाल है कि भुवी बॉलिंग की कड़ियों में कहां फिट बैठते हैं?

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3. स्लॉग ओवर में भी राह आसान नहीं
यह बात एकदम साफ है कि जब किसी सीमर की उसकी प्रमुख ताकत सीम और स्विंग पहले से कुंद पड़ जाती है, तो इसका असर स्वॉग ओवरों पर भी पड़ता है. ऐसे में डर यह है कि भुवनेश्रर की एप्रोच डिफेंसिव न हो जाए? इसकी परीणिति सेट बल्लेबाज से भागना (गेंदों को दूर रखना) वगैरह..वगैरह भी होता है. ऐसे में रणनीति पर अमल कैसे होगा? इंग्लैंड के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में जब भुवी 17वां और अपना तीसरा ओवर लेकर आए, तो 12 रन दे बैठे, तो आखिरी ओवर में भुवी ने 21 रन खर्च कर डाले. कुल मिलाकर भुवी ने 4 ओवरों में 54 रन खर्च किए.

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4. आईपीएल में रहा निम्न स्तरीय प्रदर्शन
हाल ही में खत्म हुए आईपीएल में भुवनेश्वर के प्रदर्शन के बाद सार्वजनिक रूप से उनके चयन पर बहस हो रही थी और कई विशेषज्ञों ने उन्हें अपनी टीम में नहीं रखा था, लेकिन सेलेक्टरों ने उन पर भरोसा जताया. भुवनेश्वर 11 मैचों में फेंके 42 ओवरों में सिर्फ छह ही विकेट ले सके. उनका इकॉनमी रेट 7.97 का रहा और ये दोनों ही बातें उनके स्तर से बिल्कुल भी मेल नहीं खातीं. 

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