बीसीसीआई घरेलू सीजन में नया "इंपैक्ट प्लेयर" नियम लागू करेगा, जानिए कैसे काम करेगा यह टी20 में

बीसीसीआई ने घरेलू सीजन में राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नया नियम लागू करने जा रहा है.

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बीसीसीआई का लोगो
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) शुरू होने जा रहे अगले घरेलू सीजन में राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट के तहत खेले जाने वाली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नया सब्स्टीट्यूट नियम लागू करने कि तैयार है. टूर्नामेंट अक्टूबर 11 से शुरू हो रहा है. सबंद्ध इकाइयों को भेजे मेल में बोर्ड ने "इंपैक्ट प्लेयर रूल" के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. नियम के तहत होगा यह है कि सभी टीम अपनी इलेवन में एक रणनीतिक विकल्प (टैक्टिकल सब्स्टीट्यूट) को मैदान पर उतार सकेंगी, जो पूरी तरह से मैदान पर खेल रहे खिलाड़ी की जगह ले लेगा.  सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई पिछले कुछ सालों से इस नियम को आईपीएल में लागू करना चाहता था, लेकिन फिर यह तय किया गया है कि मुश्ताक अली ट्रॉफी से इसे लागू करना बेहतर होगा. और अगर यह नियम घरेलू क्रिकेट में काम करता है, तो अगले साल के आईपीएल संस्करण के लिए भी इसे हरी झंडी दिखा दी जाएगी.  

बीसीसीआई ने मेल में लिखा कि अब जबकि टी20 फौरमेट की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है, तो यह अनिवार्य है कि हम इस संस्करण में नए आयाम शामिल करने के बारे में सोचें. यह बात इस फौरमेट को और आकर्षक और रुचिकर बनाएगी. न केवल दर्शकों को यह नियम रोमांच देगा, बल्कि खेलने वाली टीमों के रणनीति के लिहाज से भी यह नियम बहुत रुचिकर है. इसके तहत, "हम "इंपैक्ट प्लेयर" का विचार लागू करने जा रहे हैं. इसके तहत टूर्नामेंट में खेलने वाली टीमें परिस्थिति के आधार पर अपनी इलेवन में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी की जगह किसी एक प्लेयर को बदल सकती हैं." चलिए आप नियम से जुड़े तमाम  सवाल और जवाब जान लें.

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प्र: इस नियम का विस्तार या विषय क्षेत्र क्या है?

उ: कप्तान को टॉस के समय अपनी इलेवन के खिलाड़ियों के नाम के सात ही चार सब्स्टीट्यूटों के ना भी देने हेंगे. और यह भी बताना होगा कि वह मैच में इनमें से किस एक का इस्तेमाल करेंगे. खिलाड़ी विशेष शुरुआती इलेवन के किसी भी प्लेयर की जगह 14वें ओवर से पहले किसी भी समय ले सकता है. इसके तहत वह अपनी बल्लेबाजी कर सकता है और बॉलिंग कोटे के सभी ओवर फेंक सकता है. उसकी भूमिका पर कोई प्रतिबंध नहीं है या भूमिका सीमित नहीं है. सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी आउट होने वाले बल्लेबाज की जगह भी ले सकता है, लेकिन कुल 11 बल्लेबाज ही बैटिंग कर सकेंगे.

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प्र: यह नया नियम बिग-बैश लीग में जारी "एक्स-फैक्टर" नियम से कितना अलग है?

उ: इंपैक्ट प्लेयर नियम बाकी दूसरी लीगों में इस्तेमाल किए जा रहे रणनीतिक सब्स्टीट्यूट सिस्टम के मुकाबले कहीं ज्यादा लचीलापन टीम को प्रदान करता है. साल 2005 और 2006 में वनडे में एक सुपरसब नियम आया था. इसके तहत  आने वाला खिलाड़ी आउट हुए मूल खिलाड़ी की जगह बैटिंग नहीं कर सकता था. वहीं, वह उतने ही ओवर बॉलिंग कर सकता था, जितने बदले गए खिलाड़ी के कोटे से बाकी बचे हों. वहीं, बिग बैश में एक्स फैक्टर नियम पहली पारी में आधी पारी (10 ओवर) तक ही अपनी इलेवन में किसी सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को शामिल करने की अनुमति देता है.  वहीं, इसके तहत यह भी अनिवार्य था कि बदले हुए खिलाड़ी ने एक ओवर से ज्यादा बैटिंग या बॉलिंग न की हो. 

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