- भारतीय टेस्ट टीम को घर पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ 124 रन के लक्ष्य पर 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा
- भारत के घरेलू मैदान पर स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजों का औसत प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में काफी गिरा है
- 2024 में न्यूजीलैंड ने भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया था जिसमें स्पिनरों का दबदबा था
कोलकाता टेस्ट मैच में भारतीय टीम को जीत के लिए केवल 124 रन का टारगेट मिला था लेकिन भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के स्पिनर साइमन हार्मर की फिरकी में भारतीय बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह की बिखर गए. भारतीय टीम को 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत को उसके घर में यह सबसे शर्मनाक हार मिली है. एक समय भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ अपना दबदबा बनाकर रखा करते थे. कौन भूल सकता है सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, विविएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली का जलवा, ये भारतीय क्रिकेट के ऐसे बल्लेबाज के तौर पर याद किए जाते हैं जिनके सामने शेन वार्न और मुरलीधरन जैसे स्पिनर औसत नजर आते थे. लेकिन अब भारतीय क्रिकेट बदल चुका है. वर्तमान क्रिकेट में टी-20 का बोलबाला है.बल्लेबाज पिच पर आते हैं और दनादन रन बनाते है, ऐसे में क्रिकेट के बदलने से भारतीय बल्लेबाजों का स्तर भी औसत हो चुका है.

आजके भारतीय बल्लेबाज अपने घर पर औसत स्पिनर्स को भी नहीं झेल पा रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है जब हमारे बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ बेदम नजर आए हैं. जानते हैं हाल के समय के ऐसे टेस्ट मैच के बारे में जब विरोधी स्पिनरों के आगे भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए.
भारत vs न्यूजीलैंड 2024 (टेस्ट सीरीज में भारत अपने ही घर में 3-0 से हारा)
पिछले साल, टिम साउथी की अगुवाई में न्यूज़ीलैंड ने भारत को उसके घरेलू मैदान पर 0-3 से हरा दिया था. उस समय, भारत के स्टार बल्लेबाज़ स्पिनर एजाज पटेल, मिशेल सैंटनर और ईश सोढ़ी की स्पिन तिकड़ी के सामने पूरी तरह से चकमा खा गए थे. टेस्ट सीरीज में एजाज पटेल ने 15 और और मिचेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए थे.
भारत vs ऑस्ट्रेलिया, पुणे, 2017
2017 पुणे में खेले गए टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के सामने औसत नजर आए थे. पहले टेस्ट में भारत 105 और 107 रन पर आउट हो गया. ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर स्टीव ओ'कीफ ने टर्निंग ट्रैक का फायदा उठाते हुए 12 विकेट लिए थे और भारतीय बल्लेबाजों को उनके ही घर पर घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. भारतीय बल्लेबाज साधारण स्पिन विविधताओं के कारण आउट हो गए, जिससे उनका फुटवर्क खराब रहा. ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट मैच 333 रन से जीता था. भारत के 20 विकेट में 17 विकेट स्पिनरों ने चटकाए थे.
भारत बनाम साउथ अफ्रीका 2015, नागपुर टेस्ट (भारत 124 रन से जीता था)
2015 में नागपुर में खेले गए टेस्ट मैच में भले ही भारतीय टीम को जीत मिली थी लेकिन इस टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज साउथ अफ्रीकी स्पिनरों के सामने घुटने टेक दिए थे. भारत की टीम स्पिन गेंदबाज़ी के कारण 215 और 173 रनों पर आउट हो गई. साइमन हार्मर, इमरान ताहिर और डीन एल्गर ने भारतीय बल्लेबाज़ों को खूब छकाया था. दोनों ने मिलकर 12 विकेट लिए थे. यह मैच सिर्फ़ तीन दिनों में ही समाप्त हो गया, और भारत की स्पिन न खेल पाने की आलोचना हुई थी.
" 2020 के बाद से, भारतीय बल्लेबाजों का घरेलू मैदान पर स्पिनरों के खिलाफ औसत केवल 32.74 रहा है. पिछली बार यह आंकड़ा एक दशक में 40 से नीचे 1970 के दशक में आया था."
गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का रिकॉर्ड
| vs टीम | मैदान | कुल मैच | विजेता | अंतर |
| बांग्लादेश | घर पर | 2 | भारत | 2-0 |
| न्यूजीलैंड | घर पर | 3 | न्यूजीलैंड | 3-0 |
| ऑस्ट्रेलिया | घर से बाहर | 5 | ऑस्ट्रेलिया | 1-3 |
| इंग्लैंड | घर से बाहर | 5 | ड्रा | 2-2 |
| वेस्टइंडीज | घर पर | 2 | भारत | 2-0 |
| साउथ अफ्रीका | घर पर | 2 | भारत पीछे | 0-1 |
गंभीर की रणनीति सवालों के घेरे में
गौतम गंभीर ने भी कुछ संदिग्ध फ़ैसले लिए. भारतीय टीम ने इस मैच में चार स्पिनर उतारे, जो बिल्कुल भी उचित नहीं था. चार स्पिनर उतारने की बजाय, साई सुदर्शन को अंतिम इलेवन में शामिल करना चाहिए था. सुदर्शन ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में बल्ले से काफ़ी दम दिखाया था. दरअसल, सुदर्शन इस मैच में नहीं खेले, इसलिए वाशिंगटन सुंदर को तीसरे नंबर पर भेजा गया था. जब रवींद्र जडेजा खेल रहे थे, तो अक्षर पटेल को अंतिम 11 में शामिल करना समझ से परे था. अक्षर और जडेजा एक जैसे ऑलराउंडर हैं. गुरु गंभीर प्रयोग करने में माहिर हैं. जहां उनके ज़्यादातर प्रयोग टी20 और वनडे क्रिकेट में सफल रहे हैं, वहीं टेस्ट क्रिकेट में उनकी कोचिंग सवालों के घेरे में रही है.
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