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This Article is From Aug 09, 2021

Independence day: क्यों भारत से पहले पाकिस्तान मनाता है आजादी का जश्न, ये है वजह

Independence Day: इसलिए भारत से पहले पाकिस्तान मनाता है आजादी का जश्न.

Independence day: क्यों भारत से पहले पाकिस्तान मनाता है आजादी का जश्न, ये है वजह
Independence day: क्यों भारत से पहले पाकिस्तान मनाता है आजादी का जश्न, ये है वजह
नई दिल्ली:

Independence day 2021: ये तो हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत और पाकिस्तान एक ही आजादी मिलने के बावजूद क्यों पाकिस्तान हर साल 14 अगस्त को  स्वतंत्रता दिवस मनाता है. ये सवाल जरूर आपके मन में आता होगा. चलिए जानते हैं आखिर क्या है इसका इतिहास.

सबसे पहले आपको बता दें, जहां भारत 15 अगस्त को आजाद हुआ था, वहीं पाकिस्तान के रूप में एक अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को मिल गई थी. इस दिन ही ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटन ने पाकिस्तान को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा  देकर सत्ता सौंपी थी.  

आपको बता दें, इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 4 जुलाई को ब्रिटिश संसद में पेश किया गया था, जिसके बाद 18 जुलाई को कानून का रूप ले लिया था. पाकिस्तानी इतिहासकार केके अजीज (Khursheed Kamal Aziz) अपनी किताब मर्डर ऑफ हिस्ट्री (The murder of history)में लिखते हैं कि इन दोनों देशों को सत्ता का हस्तांतरण वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को करना था.

ऐसे में वह एक समय में  दिल्ली और कराची में नहीं हो सकते थे.  वहीं इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट के अनुसार,  14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत का बंटवारा होना था. जिसके साथ ही भारत और पाकिस्तान नाम के दो देश वजूद में आने वाले  जिसके बाद ही  वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी,  वहीं  इंडियन इंडिपेडेंस एक्ट के अनुसार पाकिस्तान को आजादी 14 अगस्त को नहीं मिली क्योंकि एक्ट में यह तारीख 15 अगस्त थी.

ऐसे में लॉर्ड माउंटबेटन ने वायसराय रहते हुए 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी. लेकिन पाकिस्तान को आजादी 14 अगस्त को नहीं मिली क्योंकि इंडियन इंडिपेडेंस एक्ट में यह तारीख 15 अगस्त थी.

जब बदली गई तारीख

साल 1948 में पाकिस्तान में आजादी की तारीख को 14 अगस्त कर दिया गया था.  जिसके बाद कई बातें सामने आई. कई रिपोर्ट्स  में कहा गया है कि उस साल 14 अगस्त को रमजान का 27वां दिन यानी शब-ए-कद्र पड़ रहा था. मान्यता है कि इसी रात धार्मिक ग्रंथ कुरान मुकम्मल हुआ था और यह दिन काफी पवित्र माना जाता है.

इसके बाद पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को ही मनाया जाने लगा. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि 14 अगस्त को वायसराय के सत्ता हस्तांतरित करने के बाद ही कराची में पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया गया था और इसलिए बाद में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की तारीख 14 अगस्त ही कर दी गई थी.

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