विज्ञापन
Story ProgressBack

Justice Bobde: कौन हैं 47वें चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े? जानिए उनसे जुड़ी 10 बातें

जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (Justice Sharad Arvind Bobde) का जन्म नागपुर में हुआ था. उनके दादा एक वकील और पिता महाराष्ट्र के महाधिवक्ता थे.

Read Time:2 mins
Justice Bobde: ??? ??? 47??? ??? ?????? ??? ?????? ??????? ????? ???? ????? 10 ?????
CJI Arvind Bobde: जस्टिस बोबड़े मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं.
नई दिल्ली:

जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (Justice Sharad Arvind Bobde) ने भारत के 47वें चीफ जस्टिस (47th Chief Justice Of India) के रूप में शपथ ले ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलवाई. जस्टिस बोबड़े (Justice Arvind Bobde) लगभग 18 महीने तक चीफ जस्टिस के रूप में काम करेंगे और 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे. भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में शीर्ष अदालत के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े (Justice Bobde) की सिफारिश की थी. बता दें कि जस्टिस अरविंद बोबड़े की कई अहम फैसलों में भूमिका रही हैं. इनमें अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद मामला शामिल है. जस्टिस बोबड़े पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. आइये जानते हैं जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े से जुड़ी 5 खास बातें...

चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े से जुड़ी 10 बातें
  1. जस्टिस बोबड़े (Justice Arvind Bobde) का जन्म 24 अप्रैल 1956 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कला एवं कानून में स्नातक किया था. 
  2. जस्टिस अरविंद बोबड़े के दादा एक वकील थे. बोबड़े के पिता अरविंद बोबड़े 1980 और 1985 में महाराष्ट्र के महाधिवक्ता थे. बोबड़े के बड़े भाई स्वर्गीय विनोद अरविंद बोबड़े सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और संवैधानिक विशेषज्ञ थे.
  3. वर्ष 1978 में महाराष्ट्र बार परिषद में उन्होंने बतौर अधिवक्ता अपना पंजीकरण कराया.
  4. बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में 21 साल तक सेवाएं देने के बाद जस्टिस बोबड़े वर्ष 1998 में  वरिष्ठ अधिवक्ता बने.
  5. बोबड़े को 29 मार्च 2000 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
  6. 16 अक्टूबर 2012 को जस्टिस बोबड़े मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने.
  7. 12 अप्रैल 2013 को उनकी पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हुई. इस दौरान कई अहम फैसलों में उनकी भूमिका रही. अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाने वाली 5 जजों की बेंच में जस्टिस बोबड़े भी थे.
  8. न्यायमूर्ति बोबड़े की अध्यक्षता में ही सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय समिति ने पूर्व CJI रंजन गोगोई को उन पर न्यायालय की ही पूर्व कर्मी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप में क्लीन चिट दी थी. इस समिति में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा भी शामिल थीं.
  9. न्यायमूर्ति बोबड़े 2015 में उस तीन सदस्यीय पीठ में शामिल थे जिसने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड के बिना भारत के किसी भी नागरिक को बुनियादी सेवाओं और सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है.
  10. जस्टिस बोबड़े की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय की अध्यक्षता में बनाई गई प्रशासकों की समिति को निर्देश दिया कि वे निर्वाचित सदस्यों के लिए कार्यभार छोड़े.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
CTET 2024 एडमिट कार्ड जल्द, 7 जुलाई को होगी परीक्षा, एग्जाम शेड्यूल पर अपडेट्स
Justice Bobde: कौन हैं 47वें चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े? जानिए उनसे जुड़ी 10 बातें
सीबीएसई 12वीं के परिणाम में तिरुवनंतपुरम रहा सबसे आगे, जानें रिजल्ट से जुड़ी 10 खास बातें
Next Article
सीबीएसई 12वीं के परिणाम में तिरुवनंतपुरम रहा सबसे आगे, जानें रिजल्ट से जुड़ी 10 खास बातें
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;