उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक 50 प्रतिशत युवाओं को उच्च शिक्षा का लक्ष्य तभी हासिल हो सकेगा जब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाए. उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने प्रदेश की आंगनवाड़ियों में सभी मूलभूत जरूरतों को उपलब्ध कराने के लिए सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों से इन आंगनवाड़ियों को गोद लेने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश में 30-31 सरकारी विश्वविद्यालय और 40-50 निजी विश्वविद्यालय हैं. इनके साथ 50,000 से अधिक कॉलेज हैं. यदि एक-एक कालेज प्रदेश की सभी आंगनवाड़ियों को गोद लें तो इन आंगनवाड़ियों को वे सभी चीजें मिल जाएंगी, जो हम चाहते हैं.”
पटेल ने कहा, “दहेज जैसी कुरीतियों का हल शिक्षा है. एक बार मैंने जेल देखने का मन बनाया और 15-18 साल की लड़कियों को अपने साथ महिला जेल दिखाने गई. वहां उन लड़कियों ने महिला कैदियों से बातचीत की जिससे पता चला कि लगभग 325 महिलाओं को दहेज के लिए बहू की हत्या करने के लिए सजा हुई है.”
उन्होंने कहा कि लड़कियों को जेल दिखाने का मकसद उन बुराइयों से रूबरू कराना था, जिनकी वजह से महिलाएं जेल में सड़ती हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के जरिए इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए सामूहिक चिंतन की जरूरत है और विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को जागरूक करें.
इस मौके पर भारतीय शिक्षण मंडल, नागपुर के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने कहा, “मुक्त शिक्षा, शिक्षार्थी केंद्रित है, जिसमें विद्यार्थी अपनी गति एवं जरूरत के मुताबिक विषय वस्तु को सीखता है.”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन में भी इस विश्वविद्यालय को प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि शोध के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए इस विश्वविद्यालय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना करके एक सार्थक पहल की है.
दीक्षांत समारोह में 19 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया और अन्य छात्रों को विभिन्न उपाधियां प्रदान की गईं.
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