विज्ञापन
This Article is From Apr 09, 2017

उत्तर प्रदेश: PhD धारकों के लिए खुशखबरी! असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए NET जरूरी नहीं

उत्तर प्रदेश: PhD धारकों के लिए खुशखबरी! असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए NET जरूरी नहीं
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों के ज्यादा पद रिक्त होने पर सहायक प्रोफेसरों के पद पर भर्ती के लिए यूजीसी संशोधन रेगुलेशन 2016 को प्रदेश में भी लागू करते हुए 11 जुलाई, 2009 तक के पीएचडी धारक अभ्यर्थियों को नेट (National Eligibility Test) से छूट दी गई है.

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, "विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के अधिक संख्या में पद खाली हैं तथा इन पदों पर भर्तियां रुकी हुई हैं. पीएचडी धारक अभ्यर्थियों को नेट से छूट देने करने के बाद विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में खाली पड़े पदों को भरे जाने की प्रक्रिया बिना रूप से प्रारंभ हो जाएगी."

उन्होंने कहा, "शिक्षकों की उपलब्धता होने से पठन-पाठन के स्तर में भी सुधार आएगा. उपमुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में छूट प्रदान करने के निर्देश दिए.

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा चतुर्थ संशोधन विनियम 2016 को दिनांक चार मई, 2016 से प्रभावी किया गया है, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती हेतु अनिवार्य अर्हता नेट स्लेट सेट से ऐसे अभ्यर्थियों को छूट प्रदान की गई है, जिनके द्वारा पीएचडी रेगुलेशन, 2009 के लागू होने की तिथि 11 जुलाई, 2009 को पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली हो. (इनपुट एजेंसी से)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com