उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि स्नातक पाठ्यक्रमों में केवल अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, जो COVID-19 महामारी से प्रभावित हैं.
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में पहले वर्ष की परीक्षा नहीं हुई थी, वहां छात्रों को सेकेंड ईयर में पदोन्नत किया जाएगा. हालांकि, 2022 में सेकेंड ईयर की परीक्षा के आधार पर उनके फर्स्ट ईयर के अंक तय किए जाएंगे.
मंत्री ने एक बयान में कहा कि सेकेंड ईयर के छात्र, जो 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाओं में उपस्थित हुए थे, उनके सेकेंड ईयर के अंक फर्स्ट ईयर के अंकों के आधार पर तय किए जा सकते हैं और इसी के अनुसार उन्हें तीसरे वर्ष में पदोन्नत किया जा सकता है.
उन्होंने जानकारी दी कि तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि स्नातकोत्तर और सेमेस्टर पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. प्रैक्टिकल टेस्ट नहीं होंगे और थ्योरी परीक्षाओं के आधार पर अंक तय किए जाएंगे. मौखिक परीक्षा (वाइवा वॉयस), अगर आवश्यक हो तो ऑनलाइन आयोजित की जाएगी.
उन्होंने बयान में कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर परीक्षा प्रणाली को सरल बनाया जाएगा और परिणाम 31 अगस्त तक घोषित कर दिए जाएंगे. शैक्षणिक सत्र 2021-22 की शुरुआत 13 सितंबर 2021 से होगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं