बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालय कोविड -19 महामारी की स्थिति के बीच एलएलबी परीक्षा आयोजित करने का तरीका तय करने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी विश्वविद्यालय अपने तरीके से देख सकते हैं कि परीक्षा का आयोजन कैसा किया जाएगा.
विभिन्न संस्थानों द्वारा कोरोना के दौरान परीक्षा कब और कैसे आयोजित जाएगी बहस के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI)ने कहा है कि LLB की डिग्री देने और अगले साल प्रमोट करने के के लिए सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयों द्वारा अंतिम परीक्षा अनिवार्य है और आयोजित की जानी चाहिए.
गुरुवार को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में, BCI ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने सिफारिश की है कि व्यक्तिगत विश्वविद्यालयों और उत्कृष्टता के संस्थानों को अपना निर्णय लेने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए कि कैसे मूल्यांकन किया जाएगा.
विश्वविद्यालय चुन सकते हैं कैसे होगा परीक्षा का आयोजन
BCI ने अपनी विज्ञप्ति में लिखा है कि विश्वविद्यालय/कानूनी शिक्षा केंद्र परीक्षा का तरीका निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं [ऑनलाइन/ऑफ़लाइन/मिश्रित/ऑनलाइन खुली किताब परीक्षा (ओबीई)/असाइनमेंट आधारित मूल्यांकन (एबीई)/शोध पत्र.
वह चुन सकते हैं परीक्षा का आयोजन कैसे किया जाएगा.
विज्ञप्ति में कहा गया है, "समिति ने यह भी सिफारिश की कि विश्वविद्यालयों / कानूनी शिक्षा केंद्रों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों को असुविधा से बचने के लिए नियमित और बैकलॉग परीक्षाओं के बीच पर्याप्त समय अंतराल मौजूद रहे."
बार काउंसिल ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि देश भर के कई लॉ छात्रों के साथ-साथ लॉ स्कूल के प्रशासकों ने परीक्षा को लेकर चिंता जताई थी. देश भर में फैले कोविड -19 महामारी के साथ, BCI ने नोट किया है कि कोरोना की स्थिति के अनुसार निर्णय लेने होंगे.
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