विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे परीक्षा केंद्रों में अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिये जैमर लगाते वक्त सरकारी नीति का सख्ती से अनुपालन करें. सरकार ने 2016 में परीक्षाएं आयोजित करने वाले वैधानिक निकायों को इस बात की इजाजत दी थी कि वे रेडियो आवृत्ति आधारित उपकरणों के जरिये अनुचित साधनों का इस्तेमाल रोकने के लिये कम शक्ति वाले जैमर परीक्षा केंद्रों में लगा सकते हैं.
आयोग ने कुलपतियों और कॉलेज के प्रधानाचार्यों को लिखे पत्र में कहा, “आप अपने विश्वविद्यालय और कॉलेज में जैमर पर सरकारी नीति के प्रावधानों का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें.” यूजीसी के पत्र में कहा गया, “जैमरों को लगाने से पहले सरकार की जैमर नीति के मुताबिक सचिव (सुरक्षा) से इसकी इजाजत लेना जरूरी है.”
सरकारी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को परीक्षा केंद्रों के लिये कम शक्ति वाले जैमर किराये पर लगाने के लिये अधिकृत किया गया है. परीक्षा आयोजित करने वाले निकायों की मांग के आधार पर जैमर उपलब्ध कराए जाएंगे.
नीति के मुताबिक अनधिकृत निर्माताओं द्वारा खुली निवदाएं मंगाने की इजाजत नहीं है और इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.
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