नई दिल्ली:
अंबेडकर विश्वविद्यालय आगामी अकादमिक सत्र से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के साथ ही दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पूरी फीस माफ करने की पेशकश करेगा।
इस विश्वविद्यालय ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों के लिए आय की सीमा बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का भी निर्णय किया है।
विश्वविद्यालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक विश्वविद्यालय गुण व साधनों के आधार पर विद्यार्थियों को पूर्ण व आंशिक शुल्क माफी की पेशकश किया करता था, लेकिन अब यह निर्णय किया गया है कि आगामी सत्र से एससी, एसटी और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पूर्ण शुल्क माफ किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे विद्यार्थी जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख रपये से कम है, वे भी इस लाभ के पात्र होंगे। जिन परिवारों की सालाना आय 3 से 4 लाख रपये के बीच है, ऐसे परिवार से आने वाले विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत फीस माफ की जाएगी। इसी तरह 4-5 लाख रपये के दायरे में आय वाले परिवार के विद्यार्थियों का 50 प्रतिशत और 5-6 लाख रपये आय वर्ग के विद्यार्थियों का 25 प्रतिशत शुल्क माफ किया जाएगा।’’
विश्वविद्यालय ने जरूरतमंद विद्यार्थियों की मदद करने के लिए एक विद्यार्थी कल्याण कोष भी बनाया है जिसके जरिए पाठ्यपुस्तकों, विश्वविद्यालय के छात्रावास का खर्च उठाने के लिए रहने का खर्च और अन्य जरूरतें मुहैया कराई जाएंगी।
यह निर्णय स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तर के विद्यार्थियों पर लागू होगा। जहां 85 प्रतिशत सीटें दिल्ली के निवासी विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं, वहीं 15 प्रतिशत सीटें बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए हैं।
इस विश्वविद्यालय ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों के लिए आय की सीमा बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का भी निर्णय किया है।
विश्वविद्यालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक विश्वविद्यालय गुण व साधनों के आधार पर विद्यार्थियों को पूर्ण व आंशिक शुल्क माफी की पेशकश किया करता था, लेकिन अब यह निर्णय किया गया है कि आगामी सत्र से एससी, एसटी और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पूर्ण शुल्क माफ किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे विद्यार्थी जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख रपये से कम है, वे भी इस लाभ के पात्र होंगे। जिन परिवारों की सालाना आय 3 से 4 लाख रपये के बीच है, ऐसे परिवार से आने वाले विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत फीस माफ की जाएगी। इसी तरह 4-5 लाख रपये के दायरे में आय वाले परिवार के विद्यार्थियों का 50 प्रतिशत और 5-6 लाख रपये आय वर्ग के विद्यार्थियों का 25 प्रतिशत शुल्क माफ किया जाएगा।’’
विश्वविद्यालय ने जरूरतमंद विद्यार्थियों की मदद करने के लिए एक विद्यार्थी कल्याण कोष भी बनाया है जिसके जरिए पाठ्यपुस्तकों, विश्वविद्यालय के छात्रावास का खर्च उठाने के लिए रहने का खर्च और अन्य जरूरतें मुहैया कराई जाएंगी।
यह निर्णय स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तर के विद्यार्थियों पर लागू होगा। जहां 85 प्रतिशत सीटें दिल्ली के निवासी विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं, वहीं 15 प्रतिशत सीटें बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए हैं।
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