साल 2019 में कई स्टूडेंट्स को मेहनत और संघर्ष के रास्ते पर चलकर सफलता मिली. इनमें से अधिकतर स्टूडेंट्स ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मेहनत और लगन के दम पर सफलता हासिल की. कुछ स्टूडेंट्स अपनी सक्सेस स्टोरी के चलते काफी सुर्खियों मे भी रहे. आज हम आपके लिए ऐसे ही स्टूडेंट्स की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं. आज आपको यहां यूपीएससी सिविल परीक्षा में टॉप करने वाले कनिष्क कटारिया से लेकर मजदूर की बेटी की नीट परीक्षा पास करने की कहानी तक पढ़ने को मिलेगी.
ये हैं साल की वो सक्सेस स्टोरी जिन्होंने लोगों को प्रेरित किया...
1. UPSC सिविल परीक्षा में टॉप करने वाले कनिष्क कटारिया की सक्सेस स्टोरी
यूपीएससी सिविस सर्विसेज परीक्षा में टॉप करने वाले कनिष्क कटारिया की सफलता की कहानी कई युवाओं को प्रेरित करती है. विदेश में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी करने वाले कनिष्क ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें पहली रैंक हासिल होगी.
यहां पढ़ें कनिष्क कटारिया की सफलता की पूरी कहानी
2. देश के सबसे युवा IPS बने सफीन हसन
22 साल के देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी सफीन हसन (Safin Hasan) 23 दिसंबर को सहायक पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालेंगे. देश के सबसे युवा आईपीएस बनने का उनका सफर आसान नहीं था उनका बचपन बेहद संघर्षपूर्ण रहा. सफीन की मां ने बेटे की पढ़ाई के लिए रेस्त्रां और शादियों में रोटियां बनाने का काम किया था.
यहां पढ़ें सफीन हसन की सफलता की पूरी कहानी
3. 21 साल के मयंक प्रताप सिंह बने भारत के सबसे कम उम्र के जज
21 साल के मयंक प्रताप सिंह भारत में सबसे कम उम्र में जज बनने वाले शख्स बन गए हैं. मयंक राजस्थान के जयपुर शहर से हैं. इन्होंने न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 को पास किया और अब भारत के सबसे छोटे उम्र के जज बनने वाले हैं.
यहां पढ़ें मयंक प्रताप सिंह की सफलता की पूरी कहानी
4. टेलर के बेटे को मिला आईआईटी दिल्ली में एडमिशन
इस साल दिल्ली के एक टेलर के बेटे ने अपनी जिंदगी की तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए आईआईटी दिल्ली में एडमिशन पाया. दिल्ली के इस छात्र का नाम है विजय कुमार. विजय कुमार के पिताजी टेलर हैं, माताजी घरेलू काम करती हैं. विजय ने दिल्ली सरकार की 'जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' के तहत फ्री कोचिंग की सुविधा मिली थी.
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5. दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने पास की नीट परीक्षा
कठिन परिस्थितियों के बावजूद नीट की परीक्षा पास कर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने वाली शशि सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. 19 साल की शशि ने फ्री कोचिंग की मदद इस साल नीट परीक्षा पास की. दिल्ली की रहने वाली शशि के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं. दिल्ली सरकार की 'जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' के तहत निशुल्क कोचिंग पाकर शशि ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला सुनिश्चित किया. शशि के पिता अखिलेश कुमार गौड़ ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. वह दीवार पर प्लास्टर से 400 रुपये रोज़ कमाते हैं. उनकी मां कभी भी स्कूल नहीं गईं.
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6. मजदूर के बेटे ने पास की NIT परीक्षा
दिल्ली के 17 साल के अमरजीत ने इस साल NIT की परीक्षा पास की. छात्र ने दिल्ली सरकार की योजना के तहत नि:शुल्क कोचिंग पाकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में दाखिला सुनिश्चित किया. अमरजीत और उनके माता पिता सोहन लाल और कविता धरमपुर के छोटे से क्वार्टर रहते हैं और प्रवेश परीक्षा के लिये वे निजी कोचिंग का खर्च उठाने में असमर्थ थे. जिसके बाद अमरजीत ने दिल्ली सरकार की ओर से चलाई जा रही नि:शुल्क कोचिंग योजना ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' में दाखिला लिया था.
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