नई दिल्ली:
हर एक ऑफिस में एक न एक ऐसा कर्मचारी जरूर होता है, जोकि हमेशा 9 से 5 के शेड्यूल में रहना पसंद करता है या फिर यूं कहे कि लंबे लंच ब्रेक के साथ 9:15 से 4:59 की ऑफिस ड्यूटी ही करता है. इस तरह के लोगों की वजह से ऑफिस का माहौल खराब होता है और दूसरे कर्मचारियों का भी वर्क आउटपुट गिरता है. ऑफिस के काम से मनचुराने वाले लोगों के साथ काम करना बेहद मुश्किल होता है और इसका खामियाजा पूरी टीम को भुगतना पड़ता है. ऐसे में जानिए कैसे करें उस साथी के साथ काम जो नहीं करता है ऑफिस में कोई काम...
काम नहीं करने वालों का काम करने से बचें
अगर आपके को-वर्कर के हिस्से का काम आपको करना पड़ रहा है, तो इस चीज को जल्द से जल्द करना बंद करें. जितना हो सके सिर्फ अपने काम पर फोकस रखें और अगर काम न करने वाला को-वर्कर आपसे कोई काम कहते है, तो विनम्र तरीके से उसे न कहना सीख लें. अगर आप ऐसा करना शुरु करते हैं तो इससे दो चीजें होने की संभावना है. पहली ये कि...या तो को-वर्कर की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाएगी और दूसरी ये कि आपके मैनेजर को वर्क आउटपुट कम होता दिखने लगेगा.
करियर टिप्स: आगे बढ़ते जाना है, तो ध्यान रखनी होंगी से पांच बातें...
एक बार जरूर कर लें बात
अगर ऑफिस में आपका साथी काम नहीं कर रहा है और उसकी वजह से आप पर एक्सट्रा प्रेशर पड़ रहा है, तो एक बार अपने साथी से जरूर बात कर लें. इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आप उससे अकेले में वन ऑन वन बात क्लियर कर सकते हैं. क्योंकि कई बार पर्सनल लाइफ में चल रही उथल-पुथल के चलते कर्मचारी अपने काम पर 100 प्रतिशत नहीं दे पाता है.
मैनेजर से करें बात
एक टीम मैनेजर हमेशा यही चाहता है कि उसकी टीम अपना बेस्ट दे, क्योंकि अगर टीम का आउटपुट अच्छा नहीं होगा, तो सबसे पहले गाज मैनेजर पर ही गिरेगी. अगर आपको लगता है कि लाख कोशिशों के बावजूद को-वर्कर अपना काम आप पर थोप रहा है, तो एक बार उसके रवैये के बारे में मैनेजर को अवगत कराएं. मैनेजर को बताने का ये फायदा होगा कि इससे पूरी टीम को सफर नहीं करना पड़ेगा और काम से भागने वाला आपका साथी खुद से अपना काम करना शुरु कर देगा या फिर अपने लिए दूसरी नौकरी की तलाश में जुट जाएगा.
काम नहीं करने वालों का काम करने से बचें
अगर आपके को-वर्कर के हिस्से का काम आपको करना पड़ रहा है, तो इस चीज को जल्द से जल्द करना बंद करें. जितना हो सके सिर्फ अपने काम पर फोकस रखें और अगर काम न करने वाला को-वर्कर आपसे कोई काम कहते है, तो विनम्र तरीके से उसे न कहना सीख लें. अगर आप ऐसा करना शुरु करते हैं तो इससे दो चीजें होने की संभावना है. पहली ये कि...या तो को-वर्कर की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाएगी और दूसरी ये कि आपके मैनेजर को वर्क आउटपुट कम होता दिखने लगेगा.
करियर टिप्स: आगे बढ़ते जाना है, तो ध्यान रखनी होंगी से पांच बातें...
एक बार जरूर कर लें बात
अगर ऑफिस में आपका साथी काम नहीं कर रहा है और उसकी वजह से आप पर एक्सट्रा प्रेशर पड़ रहा है, तो एक बार अपने साथी से जरूर बात कर लें. इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आप उससे अकेले में वन ऑन वन बात क्लियर कर सकते हैं. क्योंकि कई बार पर्सनल लाइफ में चल रही उथल-पुथल के चलते कर्मचारी अपने काम पर 100 प्रतिशत नहीं दे पाता है.
मैनेजर से करें बात
एक टीम मैनेजर हमेशा यही चाहता है कि उसकी टीम अपना बेस्ट दे, क्योंकि अगर टीम का आउटपुट अच्छा नहीं होगा, तो सबसे पहले गाज मैनेजर पर ही गिरेगी. अगर आपको लगता है कि लाख कोशिशों के बावजूद को-वर्कर अपना काम आप पर थोप रहा है, तो एक बार उसके रवैये के बारे में मैनेजर को अवगत कराएं. मैनेजर को बताने का ये फायदा होगा कि इससे पूरी टीम को सफर नहीं करना पड़ेगा और काम से भागने वाला आपका साथी खुद से अपना काम करना शुरु कर देगा या फिर अपने लिए दूसरी नौकरी की तलाश में जुट जाएगा.
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