केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने CBSE स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को अवॉर्ड देकर किया सम्मानित

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्कूली शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान के लिये सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 38 शिक्षकों एवं प्राचार्यों को बुधवार को पुरस्कार प्रदान किया.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने CBSE स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को अवॉर्ड देकर किया सम्मानित

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्कूली शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान के लिये सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध स्कूलों के 38 शिक्षकों एवं प्राचार्यों को बुधवार को पुरस्कार प्रदान किया. सीबीएसई द्वारा इस वर्ष सम्मानित किये जाने वाले शिक्षकों एवं प्राचार्यों ने छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के रूप में प्रशिक्षित करने, छात्रों की भाषायी क्षमता का उन्नयन करने, निशक्त बच्चों की बेहतरी के लिये काम करने, साइबर सुरक्षा के प्रति छात्रों को जागरूक बनाने सहित कई अन्य प्रकार के कार्यक्रम चलाये. मस्कट में स्थित इंडियन स्कूल में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक वी कार्तिकेयन ने अपने छात्रों की क्षमता का उपयोग राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने में किया.कार्तिकेयन के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि उनके कई छात्रों ने ओमान, कतर नेशनल क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया.

डीपीएस ओडिशा के धनंजय पान को समावेशी माहौल पर आधारित शिक्षण दर्शन के लिये सम्मानित किया गया जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास के आयामों पर आधारित हैं. एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद की जीव विज्ञान की शिक्षिका पूनम भट्ट को छात्रों को वास्तविक दुनिया से जुड़ी अनेकों परियोजनाओं पर काम करने के वास्ते प्रेरित करने के लिये पुरस्कार प्रदान किया गया.  दिल्ली के सर्वोदय विद्यालय के काउंसलर अमित गर्ग को शिक्षा के जरिये निशक्त बच्चों की बेहतरी की खातिर काम करने के लिये पुरस्कार प्रदान किया गया. वहीं, केंद्रीय विद्यालय मास्को के आईटी शिक्षक श्रीजीत को स्कूल में अनबॉक्स-21, वर्चुअल प्रशिक्षण, ऑनलाइन प्रतियोगिता, साइबर सुराक्षा जैसी प्रोजेक्ट आधारित गतिविधियां शुरू करने के लिये सम्मानित किया गया.

डिजिटल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में निशंक ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल सुधार किया जायेगा. इसमें तीन से छह वर्ष के बच्चों की ऊर्जा का पूरा सदुपयोग किया जाएगा, क्योंकि इस आयु के दौरान उनके मस्तिष्क का विकास होता है. उन्होंने कहा कि छठी कक्षा से कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विषय पढ़ाया जायेगा और इस दिशा में कार्य के लिये वह सीबीएसई (CBSE) को धन्यवाद देते हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा पढ़ायी जायेगी. बच्चा केवल अंक गणित या अक्षर ज्ञान ही हासिल नहीं करेगा, बल्कि स्कूल शिक्षा से कौशल सम्पन्न होकर निकलेगा.

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई दी और एक संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और अपने कर्तव्यों का सफल निर्वहन करने के लिए उनकी सराहना की. सीबीएसई के अधिकारियों ने बताया कि यह पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिये प्रदान किया गया जिसमें स्कूली शिक्षा, नवोन्मेष को बढ़ावा देने एवं शिक्षा में समर्पण के क्षेत्र में शिक्षकों, प्राचार्यो के योगदान को ध्यान में रखा गया.

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘वर्ष 2018 के बाद से ही सीबीएसई ऑनलाइन चयन प्रक्रिया अपना रही है. आवेदनों का मूल्यांकन सामान्य एवं विशिष्ट प्रक्रिया के आधार पर एवं कई मानदंडों पर होता है. '' उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले 38 शिक्षकों, प्राचार्यों में प्राथमिक, माध्यमिक स्तर के शिक्षक, भाषा शिक्षक, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, शरीरिक शिक्षा, गणित, अर्थशास्त्र, आईटी के शिक्षक, स्कूल काउंसलर, उप प्राचार्य, प्राचार्य शामिल हैं. प्रत्येक पुरस्कार प्राप्त करने वालों को एक मेधा प्रमाणपत्र, शॉल और 50 हजार रूपये नकद दिये गये.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)