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This Article is From Sep 28, 2017

भारतीय सेना को शिक्षा देने वाला जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया बना अनूठा विश्वविद्यालय

भारतीय वायु सेना और नौसेना के 12 हज़ार से अधिक जवान पहले ही पूर्व में हुए इस तरह के सहमति पत्र के तहत जेएमआई से शिक्षा ले रहे हैं.

भारतीय सेना को शिक्षा देने वाला जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया बना अनूठा विश्वविद्यालय
नई दिल्‍ली: जामिया मिलिया इस्लामिया और भारतीय सेना के बीच गुरुवार को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत सेना के जवान और अधिकारी इस विश्वविद्यालय से ओपन लर्निंग के ज़रिए ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई कर सकेंगे. भारतीय वायु सेना और नौसेना का जेएमआई के साथ इस तरह का क़रार पहले से ही है. जेएमआई में इस सहमति पत्र पर रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय के एजीटांट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार तथा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. तलत अहमद ने हस्ताक्षर किए. भारतीय वायु सेना और नौसेना के 12 हज़ार से अधिक जवान पहले ही पूर्व में हुए इस तरह के सहमति पत्र के तहत जेएमआई से शिक्षा ले रहे हैं.

भारतीय सेना के साथ भी इस तरह के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाने से जेएमआई तीनों सेनाओं को शिक्षा देने वाला देश का अनूठा सौभाग्यशाली विश्वविद्यालय बन गया है. इसे ‘तालीम-ए-तरक़्क़ी‘ का नाम दिया गया है. भारत की तीनों सेनाओं में जेएमआई का यह कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसके चलते जवानों और अधिकारियों को अपनी आगे की उच्च शिक्षा पूरी कर सकने का अवसर मिल पाना संभव हो सका है. हस्तारक्षर समारोह के बाद लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने कहा, ‘‘आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा रहे जेएमआई से इस तरह का क़रार करने से उन्हें बहुत खुशी और भरोसे का एहसास हो रहा है. मूल्य आधारित शिक्षा देने वाले जेएमआई का भारतीय सेना में बहुत मान है, उन्होंने कहा कि आज अष्टिमी के अवसर पर इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होना और भी शुभ हो गया है.
 
mou between indian army and jamia millia 650

लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने बताया कि सेना में अमूमन 16-17 साल की उम्र में जवान भर्ती होकर 35-36 साल में रिटायर भी हो जाते हैं. ऐसे में जेएमआई के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग के जरिए ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करके वे रिटायरमेंट के बाद अपने लिए नौकरी के अच्छे वैकल्पिक अवसर पा सकेंगे. उन्होंने कहा कि जेएमआई जैसे बड़े और प्रगतिशील संस्थान और भारतीय सेना का एक साथ आना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. जेएमआई के वाइस चांसलर प्रो. अहमद कहते हैं, ‘‘यह हमारा सामूहिक आभास है कि हमारी सेना के जवान देश की रक्षा के लिए अपना सर्वत्र न्योछावर करने को हमेशा तैयार रहते हैं तो हमारा भी फ़र्ज़ है कि हमसे जितना भी बन सके हम भी उनके भविष्य के लिए कुछ करें.''

उन्होंने आगे कहा कि जेएमआई का सौभाग्य हैं कि उसे सेना के तीनों अंगों के जवानों को शिक्षित करने का विशषाधिकार मिला है. यह हमारे लिए खुशी और गौरव की बात है. सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने के अवसर पर एकीकृत मुख्यालय के महा निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गोपाल आर और अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल सुधाकर भी उपस्थित थे. इस मौके पर जेएमआई के प्रो वाइस चांसलर शाहिद अशरफ और रजिस्ट्रार ए पी सिद्दीकी सहित सभी विभागों के डीन उपस्थित थे. सेना की तरफ से भी बड़ी संख्या में अधिकारी आए थे.

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