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This Article is From Feb 23, 2020

दिल्ली के इन स्कूलों में बच्चों से बातें करेगा रोबोट, पढ़ाएगा स्वच्छता का पाठ

देश की राजधानी दिल्ली में स्कूली बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और सेहतमंद रहने की शिक्षा देने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) रोबोट का इस्तेमाल करने जा रही है.

दिल्ली के इन स्कूलों में बच्चों से बातें करेगा रोबोट, पढ़ाएगा स्वच्छता का पाठ
स्कूल की सभी ब्रांचों के परिसरों में जगह-जगह 'हैंड वाशिंग' मशीनें स्थापित की जाएंगी.
नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में स्कूली बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और सेहतमंद रहने की शिक्षा देने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) रोबोट का इस्तेमाल करने जा रही है. कमेटी द्वारा संचालित गुरु हरिकृष्ण पब्ल्कि स्कूल की सभी ब्रांचों के परिसरों में जगह-जगह 'हैंड वाशिंग' मशीनें स्थापित की जाएंगी, जहां दीवार पर लगा रोबोट बच्चों से बातें करेगा और उनको स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा. यह बात दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताई.

उन्होंने कहा, "बकौल सिरसा कमेटी प्रत्येक विद्यालय की भौगोलिक तथा बाहरी परिस्थितियों के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर हैंड वाशिंग मशीनें स्थापित करेगी ताकि विद्यार्थियों को नजदीक में हैंड वाशिंग सुविधा मिल सके और प्रत्येक वाशिंग स्टेशन पर रोबोट स्थापित किया जाएगा, जो बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और सेहतमंद रहने का मंत्र सिखाएगा."

सिरसा ने बताया कि बच्चों को शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कमेटी ग्लासगो विश्वविद्यालय स्काटलैंड तथा अमृता विश्वा विद्यापीठम विश्वविद्यालय तमिलनाडु द्वारा विकसित 'पेपे' रोबट का सहारा लेगी.

उन्होंने बताया कि सात हजार रुपये प्रति रोबोट की औसतम कीमत के इस रोबोट को हैंड वांशिग स्टेशन के ऊपर दीवार पर लगाया जाएगा. यह जीवन्त लगने वाला रोबोट बच्चों से वातार्लाप करके उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा और जीवन में स्वच्छता से रहने को प्रेरित करेगा.

सिरसा ने कहा कि इस अभियान में 10 साल से नीचे के गरीब तथा पिछड़े वर्ग के परिवारों के बच्चों को विशेष रूप से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता की निगरानी के लिए एक विशेष 'एप' बनाया जाएगा.

सभी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूल परिसर में बच्चों द्वारा स्वच्छता व्यवहार तथा अनुशासन से जुड़ी सभी वीडियो, फोटो इस विशेष 'एप' पर अपलोड करने के निर्देश दिए जाएंगे ताकि कमेटी बच्चों के व्यवहार, स्वास्थ्य तथा प्रतिरोधात्मक क्षमता का नियमित रूप से आकलन कर सके.

इस अभियान के अंतर्गत अध्यापक स्कूल परिसर के विभिन्न स्थानों जैसे क्लासरूम, खेल के मैदान, शौचालय आदि के फोटो मोबाइल एप पर अपलोड करेंगे, जिससे अभियान की सफलता का आकलन नियमित रूप से किया जा सकेगा.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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