मिजोरम के निजी स्कूल लॉकडाउन की अवधि के लिए छात्रों से केवल 50 प्रतिशत फीस लेंगे. अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह फैसला शिक्षा विभाग के अधिकारियों, छात्र संगठनों, मिजोरम इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन (एमआईएसए) और अन्य हितधारकों की हुई बैठक में लिया गया.
यह फैसला कई छात्र संगठनों द्वारा लॉकडाउन की अवधि में फीस में रियायत देने की अपील के बाद आया. अधिकारी ने बताया कि सभी निजी और गिरजाघरों द्वारा संचालित स्कूलों से गरीब बच्चों को फीस में छूट देने के लिए कहा गया है.
उन्होंने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि जिन स्कूलों ने अप्रैल के महीने की पूरी फीस ले ली है, वे मई महीने की फीस नहीं लें. इस बैठक की अध्यक्षता शिक्षामंत्री लालंचदामा राल्ते ने की. उल्लेखनीय है कि निजी स्कूलों की संस्था एमआईएसए ने इससे पहले कहा था कि लॉकडाउन की अवधि के लिए वह पूरी फीस वसूलेगा क्योंकि स्कूलों को अपने कर्मचारियों को वेतन भी देना है.
वहीं, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिया था कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को वह चाहे सरकारी जमीन पर चल रहा है वह या गैर सरकारी पर चल रहा हो उसको फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. सरकार से पूछे बिना कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता चाहे वह कोई भी स्कूल हो.
इसपर उपमुख्यमंत्री ने कहा था, ''कोई भी स्कूल 3 महीने की फीस नहीं मांगेगा. सिर्फ महीने की फीस मांगी जाएगी. बच्चों को जो ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है वह सभी बच्चों को देनी होगी. अगर कोई पेरेंट्स फीस नहीं दे पा रहा है तो उनके बच्चों का नाम ऑनलाइन टीचिंग से नहीं हटाया जाएगा.''
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