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This Article is From Aug 03, 2020

उपराष्ट्रपति का संस्कृत दिवस पर देश को संदेश, कहा- संस्कृत भारत की भव्य सांस्कृतिक विरासत की खिड़की के समान

Sanskrit Diwas 2020: आज संस्कृत दिवस 2020 है. संस्कृत दिवस के खास मौके पर भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने भारतीयों से प्राचीन भारतीय भाषा को प्रमोट करने और सुरक्षित रखने का आग्रह किया है.

उपराष्ट्रपति का संस्कृत दिवस पर देश को संदेश, कहा- संस्कृत भारत की भव्य सांस्कृतिक विरासत की खिड़की के समान
Sanskrit Diwas 2020: संस्कृत दिवस इस साल 3 अगस्त को मनाया जा रहा है. 
नई दिल्ली:

Sanskrit Diwas 2020: आज संस्कृत दिवस 2020 है. संस्कृत दिवस के खास मौके पर भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने भारतीयों से प्राचीन भारतीय भाषा को प्रमोट करने और सुरक्षित रखने का आग्रह किया है. उपराष्ट्रपति नायडू ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि हम इस महान शास्त्रीय भाषा को संरक्षित करने और इसके प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व संस्कृत दिवस मनाते हैं. इस प्राचीन भाषा में हमारे महान वेदों से लेकर पुराणों और इसके साथ जुड़े ज्ञान का खजाना है. उपराष्ट्रपति नायडू ने आगे कहा कि संस्कृत "भारत की भव्य सांस्कृतिक विरासत की खिड़की  के समान" है. इसके साथ ही उन्होंने सभी लोगों से इसे जीवित रखने का आग्रह किया है,  ताकि हमारी "सभ्यतागत जड़ों" को बेहतर तरीके से समझा जा सके. 

वहीं, दूसरी ओर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि संस्कृत भारत को एकीकृत करने वाली कड़ी है. शिक्षा मंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर संस्कृत भाषा में लिखा, “संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. यह प्राचीन भाषा भारत को समग्र रूप से जोड़ती है. विश्व संस्कृत दिवस 2020 पर राष्ट्र को मेरी शुभकामनाएं.”

संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है?
संस्कृत दिवस हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, संस्कृत दिवस इस साल 3 अगस्त को मनाया जा रहा है. 

नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा पर जोर
नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में भाषा को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं. इस नीति में बहुभाषावाद (Multilingualism) और भाषा की शक्ति पर खास जोर दिया गया है. नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा या स्थानीय भाषा पर भी जोर दिया गया है. नई नीति के अध्याय 4 में बताया गया है कि कम से कम क्लास 5 तक की पढ़ाई का माध्यम घरेलू भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगा. यानी क्लास 5 तक स्कूल में पढ़ाई का मीडिया स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा होगी. इसके अलावा नई नीति में ये भी कहा गया है कि क्लास 5 के बाद क्लास 8 तक या उससे आगे भी रीजनल लैंग्वेज का यही फॉर्मूला लागू किया जाएगा.

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