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This Article is From Jul 10, 2020

Final Year Exams: राहुल गांधी बोले- कंफ्यूजन पैदा कर रहा UGC, परीक्षा रद्द कर स्टूडेंट्स को पास किया जाए

Final Year Exams: कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर बचे हुए बोर्ड एग्जाम रद्द हो गए हैं, लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने का फैसला लिया गया है. इस फैसले का विरोध भी किया जा रहा है.

Final Year Exams: राहुल गांधी बोले- कंफ्यूजन पैदा कर रहा UGC, परीक्षा रद्द कर स्टूडेंट्स को पास किया जाए
राहुल गांधी बोले- कंफ्यूजन पैदा कर रहा UGC, परीक्षा रद्द की जाएं.
नई दिल्ली:

Final Year Exams: कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर बचे हुए बोर्ड एग्जाम रद्द हो गए हैं, लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने का फैसला लिया गया है. इस फैसले का विरोध भी किया जा रहा है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मसले पर अपना बयान जारी किया है और कहा है कि यूजीसी (UGC) को एग्जाम रद्द कर देने चाहिए. राहुल गांधी ने ये भी कहा है कि एग्जाम रद्द कर छात्रों को प्रमोट कर देना चाहिए. ये एग्जाम सितंबर में कराने के लिए कहा गया है.

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 6 जुलाई के अपने आदेश में कहा है कि परीक्षाएं सितंबर के अंत में करायी जाएंगी. गृह मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. इसी मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश जारी किया है. राहुल गांधी ने कहा, ''कोविड ने बहुत लोगों को नुकसान पहुंचाया है. हमारे जो स्टूडेंट्स हैं स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में, उनको बहुत कष्ट सहना पड़ा. आईआईटी ने, कॉलेजों ने एग्जाम कैंसिल करके बच्चों को प्रमोट किया है. यूजीसी (UGC) कंफ्यूजन क्रिएट कर रहा है. यूजीसी को भी एग्जाम कैंसिल करके, पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर स्टूडेंट्स को प्रमोट करना चाहिए.''

राहुल गांधी से पहले कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने परीक्षाएं रद्द करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने के लिए कहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया कि पंजाब में कोविड-19 के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं और सितंबर में उनके चरम पर पहुंचने का अनुमान है, ऐसे में वह इन परिस्थितियों में छात्रों के जीवन के साथ खतरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं. अमरिंदर सिंह ने कहा, ''ऐसे हालात में हम छात्रों को एकत्र करके उन्हें संक्रमित होने के खतरे में कैसे घसीट सकते हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर छह जुलाई का आदेश वापस लेने का अनुरोध करेंगे.''

यूजीसी ने किया एग्जाम कराने का फैसला
यूजीसी की तरफ से सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को फाइनल ईयर के एग्जाम सितंबर तक कराने के लिए कहा गया है. यूजीसी के अधिकारियों ने ये फैसला लिया है कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं. नई गाइडलाइन्स में ये भी बताया गया है कि बैक-लॉग वाले छात्रों को परीक्षाएं अनिवार्य रूप से देनी होंगी.  

वहीं, जो स्टूडेंट्स सितंबर की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे उन स्टूडेंट्स के लिए बाद में स्पेशल परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. यूजीसी ने कहा है कि जब भी संभव हो, यूनिवर्सिटी इन विशेष परीक्षाओं को कराया जा सकता है.

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