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This Article is From Apr 22, 2020

Rajasthan: स्‍कूल को बनाया गया था आइसोलेशन सेंटर, वहां रह रहे मजदूरों ने इस तरह कर दिया कायापलट

Coronavirus: आइसोलेशन में ठहरे मजदूरों ने सरपंच से कहा कि वे कुछ करना चाहते हैं और ऐसे में स्कूल के रंग-रोगन का काम करना चाहते हैं.

Rajasthan: स्‍कूल को बनाया गया था आइसोलेशन सेंटर, वहां रह रहे मजदूरों ने इस तरह कर दिया कायापलट
मजदूर ने बिना पैसे लिए कुछ इस तरह स्‍कूल की कायापलट दी
सीकर:

राजस्थान में सीकर जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कस्बे पलसाना के सरकारी स्कूल में बनाए गए पृथक केन्द्र में इन दिनों अलग ही नजारा है. यहां रह रहे मजदूरों ने समय का सद्पयोग करते हुए स्कूल की सूरत ही बदल दी. स्कूल में ठहराए गए मजदूरों ने खाली समय में स्कूल के रंग रोगन का बीड़ा उठाया और वे दूसरों के लिए मिसाल बन गए.

पलसाना कस्बे के शहीद सीताराम कुमावत और सेठ केएल ताम्बी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं. ये सभी लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और इनकी पृथक अवधि भी पूरी हो गई है.

केन्द्र में ठहरे मजदूरों ने बताया कि पृथक-वास के दौरान सरपंच और गांव के भामाशाहों की ओर से की गई अच्छी व्यवस्था के बदले में गांव के लिए वे कुछ करना चाहते हैं और ऐसे में स्कूल के रंग-रोगन का काम करना चाहते हैं.

उन्होंने शुक्रवार को सरपंच से रंग-रोगन का सामान लाकर देने की मांग की. सरपंच और विद्यालय कर्मियों की ओर से सामग्री उपलब्ध कराने के बाद मजूदरों ने विद्यालय में रंगाई पुताई का कार्य शुरू कर दिया.

हाल ही में शिविर का निरीक्षण करने के लिए आए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जगत सिंह पंवार ने भी केन्द्र को देखा तो प्रभावित हुए. उन्होंने केन्द्र में ठहरे लोगों से काफी देर तक चर्चा की. प्रवासी लोगों को विद्यालय परिसर में कार्य करते देख वे काफी खुश हुए.

पंवार ने मजदूरों के विचार सुनकर उनकी तारीफ की और कहा कि यहां के सरपंच, विद्यालयकर्मी एवं भामाशाहों के साथ ही प्रवासी लोगों की ओर से एक परिवार की तरह किया जा रहा कार्य अन्य केन्द्र के लिए 'रोल मॉडल' है.

पलसाना के सरपंच रूप सिंह शेखावत ने बताया कि प्रशासन की ओर से केन्द्र स्थापित करने के बाद प्रवासी लोगों के लिए भोजन-पानी और ठहराने की जिम्मेदारी दी गई. अब प्रवासी लोगों ने खुद कार्य करने की इच्छा जताई है तो रंग-रोगन उपलब्ध करवा दिया. इनके व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है.

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पलसाना के प्रधानाचार्य राजेन्द्र मीणा ने बताया कि विद्यालय में पिछले नौ साल से रंग-रोगन का काम नहीं हुआ. सभी शिक्षकों ने अपने वेतन से रंग-रोगन के पैसे देने के प्रस्ताव को सहमति दी थी. उस राशि से रंग-रोगन की सामग्री लाकर दी गई है. यहां ठहरे मजदूरों ने पैसे लेने से मना कर दिया है.

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