विश्वविद्यालय परीक्षा कैंसिल करने के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र: पंजाब मुख्यमंत्री

कोरोनावायरस महामारी के कारण कॉलेज और विश्वविद्यालयों की परीक्षा कराना संभव नहीं होगा, यह रूख बनाए रखते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह परीक्षाएं रद्द करने के लिए केन्द्र को पत्र लिखेंगे.

विश्वविद्यालय परीक्षा कैंसिल करने के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र: पंजाब मुख्यमंत्री

विश्वविद्यालय परीक्षा कैंसिल करने के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र: पंजाब मुख्यमंत्री

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस महामारी के कारण कॉलेज और विश्वविद्यालयों की परीक्षा कराना संभव नहीं होगा, यह रूख बनाए रखते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह परीक्षाएं रद्द करने के लिए केन्द्र को पत्र लिखेंगे. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छह जुलाई के अपने आदेश में कहा है कि परीक्षाएं सितंबर के अंत में करायी जाएंगी. गृह मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रालय ने परीक्षाओं के संबंध में यह फैसला लिया. 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पंजाब में कोविड-19 के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं और सितंबर में उनके चरम पर पहुंचने का अनुमान है, ऐसे में वह इन परिस्थितियों में छात्रों के जीवन के साथ खतरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हालात में हम छात्रों को एकत्र करके उन्हें संक्रमित होने के खतरे में कैसे घसीट सकते हैं. '' सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर छह जुलाई का आदेश वापस लेने का अनुरोध करेंगे. 

मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, "मौजूदा  Covid-19 स्थिति के मद्देनजर, PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर UGC के परीक्षा आयोजित कराने के फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करेंगे. हम अपने छात्रों के स्वास्थ्य को जोखिम में नहीं डाल सकते हैं, इसलिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए."

UGC गाइडलाइन्स
यूजीसी की गाइडलाइन्स में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित कराने के बारे में कहा गया है. यूजीसी के अधिकारियों ने ये फैसला लिया है कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं. यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन्स में ये भी बताया गया है कि बैक-लॉग वाले छात्रों को परीक्षाएं अनिवार्य रूप से देनी होंगी.  

वहीं, अन्य जो स्टूडेंट्स सितंबर की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे तो यूनिवर्सिटी उन स्टूडेंट्स के लिए बाद में स्पेशल परीक्षाएं आयोजित करेगी. जब भी संभव हो, विश्वविद्यालय द्वारा इन विशेष परीक्षाओं को  संचालित किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थी को किसी भी असुविधा / नुकसान का सामना न करना पड़े. उपरोक्त प्रावधान केवल वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सिर्फ एक बार के उपाय के रूप में लागू होगा.

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बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अप्रैल में जारी की गई यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और अकेडमिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों को संशोधित करने के लिए कहा था, जिसके बाद यूजीसी ने संशोधित गाइडलाइन्स जारी कीं. 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)