राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों से राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने को कहा " ताकि हमारा देश 2047 तक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में उभर सके. " तब तक भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने छात्रों से गुजरात की आत्मनिर्भरता, उद्यमशीलता और स्वरोजगार की संस्कृति को अपनाने का आग्रह किया.
कोविंद ने कहा, " 25 वर्षों के बाद, भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा. छात्रों की यह पीढ़ी इसका गवाह बनेगी. मैं चाहता हूं कि आप सब राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प लें, ताकि हमारा देश 2047 तक दुनिया का सबसे अच्छा देश बनकर उभरे."
उन्होंने गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय को "मिनी इंडिया" बताया क्योंकि अलग-अलग राज्यों के होनहार छात्र यहां दखिला लेते हैं. यह विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत स्थापित किया गया है. इसका गांधीनगर में अस्थायी परिसर है.
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि गुजरात के छात्र कुल क्षमता के सिर्फ 15 फीसदी हैं, जबकि बाकी दूसरे राज्यों के हैं. मैं दूसरे राज्यों के इन छात्रों से गुजरात की आत्मनिर्भरता, उद्यमशीलता और स्वरोजगार की संस्कृति को अपनाने का आग्रह करता हूं."
राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों को सूचित किया कि केंद्र ने विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर के लिए 743 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. यह परिसर वडोदरा जिले में बनेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए "स्थानीय संसाधनों, ज्ञान और अनुभव" को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और छात्रों को अपने ज्ञान का उपयोग समाज और देश की भलाई के लिए करना चाहिए.
कोविंद ने विश्वविद्यालय के 21 मेधावी छात्रों को पदक प्रदान किए और खुशी जाहिर की कि इनमें से 13 छात्राएं हैं. दीक्षांत समारोह के दौरान पीएचडी के 73, एमफिल के 26, परास्नातक के 121 और स्नातकपूर्व के 24 छात्रों को डिग्री मिली.
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