नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP) को पिछले साल आज ही के दिन प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. इसी मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने NEP से जुड़ी कई जरूरी बातें कही हैं. आइए जानते हैं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से जुड़े कुछ जरूरी पॉइंट्स के बारे में.
Addressing a programme to mark a year of the National Education Policy. #TransformingEducation https://t.co/65x9i0B0g1
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
- पीएम मोदी ने कहा, भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं, मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े फैक्टर्स में से एक है
-उन्होंने कहा, 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है. इसलिए, उसे एक्सपोजर चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए.
-पीएम मोदी ने कहा, नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति' युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है.
-उन्होंने बताया- जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को फ्यूचर oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा. हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा. लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं.
- पीएम मोदी ने कहा, आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा. हेल्थ हो, डिफेंस हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नोलॉजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा.
- पीएम मोदी ने आगे कहा, मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं.
- इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी डेवलेप किया जा चुका है. भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानी एक विषय का दर्जा प्रदान किया गया है. अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे. इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी.
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