नीतीश कुमार
पटना:
बिहार में सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अब राज्य में तेजी के साथ सरकारी विभागों में भर्तियां निकलने वाली हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) और बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) से सरकारी सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वार्षिक कैलेण्डर तैयार करने को कहा।
नीतीश ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए नीतीश ने बिहार लोक सेवा आयोग एवं बिहार राज्य कर्मचारी आयोग द्वारा सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिये ली जाने वाली परीक्षाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी पदों पर की जानेवाली नियुक्तियों के लिये बहाली प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है ताकि रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र हो सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं जिनका असर विभाग के कार्यों एवं योजनाओं पर पड़ता है।
नीतीश ने कहा कि इसके लिये बिहार लोक सेवा आयोग एवं बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग आवश्यक व्यवस्था करे। सरकार के स्तर पर जो सहयोग की अपेक्षा है, उन्हें हर संभव सहयोग दिया जायगा लेकिन बहाली शीघ्र हो जिससे राज्य में कामकाज में तेजी आये।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग वार्षिक कैलेण्डर तैयार करे और निर्धारित समयानुसार विभिन्न परीक्षायें आयोजित करे।
'एक ही लिखित परीक्षा पर विचार करे आयोग'
उन्होंने कहा कि राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिये अलग अलग प्रारंभिक एवं लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं कर एक ही लिखित परीक्षा के आयोजित करने पर आयोग विचार करे और इस परीक्षा में प्राप्त अंक तथा च्वॉइस के आधार पर विभिन्न पदों पर चयन किया जाये तो समय की बचत होगी और बहाली की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। उन्होंने इसके लिये विचार कर आवश्यक प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया।
नीतीश ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग विभिन्न विभागों से अधियाचना प्राप्त करे तथा सरकारी नियमानुसार सभी प्रकार से उसकी जांच कर अधियाचना संबंधित विभाग को भेजी जाये। आयोग का कार्य परीक्षा लेकर नियुक्ति के लिये अनुशंसा भेजना है।
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'तकनीकी पदों, डॉक्टर, इंजीनियर के लिए परीक्षा खत्म करने पर विचार करें'
नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग को यह भी निर्देश दिया कि नियुक्तियों के लिये प्रमुख विषयों, जिसमें अधियाचना भेजने की समय सीमा तय होनी चाहिये। उस तिथि तक हरेक विभाग को उस वर्ष के लिये रिक्ति भेज देनी होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये प्रमुख विषयों जिसमें अधिक रिक्तियां है, उनकी भर्ती प्राथमिक प्राथमिकता के आधार पर की जाये। इसी प्रकार तकनीकी पदों तथा डॉक्टर, इंजीनियर, कृषि सेवा वगैरह के लिए लिखित परीक्षा को समाप्त करने पर विचार करने का निर्देश विभाग को दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के बाद सीधे साक्षात्कार होना चाहिये। इसके लिये एक्ट या नियमावली में संशोधन की आवश्यकता है तो इस पर भी विचार कर प्रस्ताव लाया जाये।
उन्होंने बिपार्ड (Bihar Institute of Public Administration and Rural Development) की समीक्षा के क्रम में कहा कि ट्रेनिंग कार्मिकों के लिये अत्यावश्यक है। बिपार्ड द्वारा प्रवेशकालीन प्रशिक्षण, उन्मुखीकरण प्रशिक्षण, क्षमतावर्धन प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्य को और अधिक सुदृढ करने की आवश्यकता बतायी।
नीतीश ने कहा कि प्रशिक्षण के लिये यदि सेवानिवृत्त कर्मी जो किसी खास क्षेत्र्र के विशेषज्ञ हो उनकी सेवा की जरुरत हो तो बिपार्ड उन्हें लेकर प्रशिक्षण का कार्य करा सकती है।
आरटीपीएस की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रस्ताव के आलोक में कहा कि आरटीपीएस में और सेवाओं को शामिल किया जा सकता है लेकिन इसके पूर्व विभिन्न विभागों से विचार विमर्श कर प्रस्ताव तैयार किया जाये। लोक शिकायत निवारण अधिनियम की चर्चा क्रे क्रम में मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि इस अधिनियम को अंतिम रुप देने का काम शीघ्र पूरा किया जाये इसके लिये अधिकारियों की ट्रेनिंग राज्य एवं जिला स्तर पर कराने का कार्यक्रम तैयार किया जाये ताकि इसकी नियमावली को तय समय तक लागू किया जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, बिपार्ड के महानिदेशक सुधीर कुमार राकेश, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, एवं अतीश चन्द्रा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
नीतीश ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए नीतीश ने बिहार लोक सेवा आयोग एवं बिहार राज्य कर्मचारी आयोग द्वारा सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिये ली जाने वाली परीक्षाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी पदों पर की जानेवाली नियुक्तियों के लिये बहाली प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है ताकि रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र हो सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं जिनका असर विभाग के कार्यों एवं योजनाओं पर पड़ता है।
नीतीश ने कहा कि इसके लिये बिहार लोक सेवा आयोग एवं बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग आवश्यक व्यवस्था करे। सरकार के स्तर पर जो सहयोग की अपेक्षा है, उन्हें हर संभव सहयोग दिया जायगा लेकिन बहाली शीघ्र हो जिससे राज्य में कामकाज में तेजी आये।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग वार्षिक कैलेण्डर तैयार करे और निर्धारित समयानुसार विभिन्न परीक्षायें आयोजित करे।
'एक ही लिखित परीक्षा पर विचार करे आयोग'
उन्होंने कहा कि राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिये अलग अलग प्रारंभिक एवं लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं कर एक ही लिखित परीक्षा के आयोजित करने पर आयोग विचार करे और इस परीक्षा में प्राप्त अंक तथा च्वॉइस के आधार पर विभिन्न पदों पर चयन किया जाये तो समय की बचत होगी और बहाली की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। उन्होंने इसके लिये विचार कर आवश्यक प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया।
नीतीश ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग विभिन्न विभागों से अधियाचना प्राप्त करे तथा सरकारी नियमानुसार सभी प्रकार से उसकी जांच कर अधियाचना संबंधित विभाग को भेजी जाये। आयोग का कार्य परीक्षा लेकर नियुक्ति के लिये अनुशंसा भेजना है।
यहां भी है अवसर: SIDBI में ग्रेजुएट्स के लिए ‘A’ग्रेड अफसरों की भर्ती, सैलरी करीब 36,000 रुपये
'तकनीकी पदों, डॉक्टर, इंजीनियर के लिए परीक्षा खत्म करने पर विचार करें'
नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग को यह भी निर्देश दिया कि नियुक्तियों के लिये प्रमुख विषयों, जिसमें अधियाचना भेजने की समय सीमा तय होनी चाहिये। उस तिथि तक हरेक विभाग को उस वर्ष के लिये रिक्ति भेज देनी होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये प्रमुख विषयों जिसमें अधिक रिक्तियां है, उनकी भर्ती प्राथमिक प्राथमिकता के आधार पर की जाये। इसी प्रकार तकनीकी पदों तथा डॉक्टर, इंजीनियर, कृषि सेवा वगैरह के लिए लिखित परीक्षा को समाप्त करने पर विचार करने का निर्देश विभाग को दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के बाद सीधे साक्षात्कार होना चाहिये। इसके लिये एक्ट या नियमावली में संशोधन की आवश्यकता है तो इस पर भी विचार कर प्रस्ताव लाया जाये।
उन्होंने बिपार्ड (Bihar Institute of Public Administration and Rural Development) की समीक्षा के क्रम में कहा कि ट्रेनिंग कार्मिकों के लिये अत्यावश्यक है। बिपार्ड द्वारा प्रवेशकालीन प्रशिक्षण, उन्मुखीकरण प्रशिक्षण, क्षमतावर्धन प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्य को और अधिक सुदृढ करने की आवश्यकता बतायी।
नीतीश ने कहा कि प्रशिक्षण के लिये यदि सेवानिवृत्त कर्मी जो किसी खास क्षेत्र्र के विशेषज्ञ हो उनकी सेवा की जरुरत हो तो बिपार्ड उन्हें लेकर प्रशिक्षण का कार्य करा सकती है।
आरटीपीएस की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रस्ताव के आलोक में कहा कि आरटीपीएस में और सेवाओं को शामिल किया जा सकता है लेकिन इसके पूर्व विभिन्न विभागों से विचार विमर्श कर प्रस्ताव तैयार किया जाये। लोक शिकायत निवारण अधिनियम की चर्चा क्रे क्रम में मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि इस अधिनियम को अंतिम रुप देने का काम शीघ्र पूरा किया जाये इसके लिये अधिकारियों की ट्रेनिंग राज्य एवं जिला स्तर पर कराने का कार्यक्रम तैयार किया जाये ताकि इसकी नियमावली को तय समय तक लागू किया जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, बिपार्ड के महानिदेशक सुधीर कुमार राकेश, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, एवं अतीश चन्द्रा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
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