NIRF 2017: सरकार ने की विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग की घोषणा

NIRF 2017: सरकार ने की विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग की घोषणा

नयी दिल्ली:

भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों की वर्ष 2017 की रैंकिंग जारी कर दी गई है. मानव संसाधन मंत्रालय ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरु को देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षिण संस्थान का दर्जा दिया गया है. शीर्ष 10 संस्थानों में सात आईआईटी शामिल हैं. दो अन्य संस्थानों में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय है. 

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में देश के संस्थानों की रैंकिंग के दूसरे संस्करण के परिणाम जारी किए.

इस बार रैंकिंग को पांच श्रेणियों --- संपूर्ण, कॉलेज, विश्वविद्यालय, प्रबंधन और इंजीनियरिंग के तहत जारी किया गया.

आईआईएससी ‘संपूर्ण’ और ‘विश्वविद्यालयों’ की श्रेणी में शीर्ष पर रहा.

जेएनयू पिछली रैंकिंग में तीसरे स्थान पर था जिसे इस वर्ष ‘विश्वविद्यालयों’ की श्रेणी में दूसरे स्थान पर रखा गया है.

‘संपूर्ण’ श्रेणी में इस विश्वविद्यालय को छठे स्थान पर रखा गया है जो पिछले कुछ समय से विवादों में रहा है.

इस वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिग ढांचा (एनआईआरएफ) में पिछले साल से करीब 800 कम संस्थाओं ने हिस्सा लिया है.

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि देश में शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद’ (नैक) तथा ‘नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिएशन’ (एनबीए) करते हैं. इसके अलावा ‘राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क’ (एनआईआरएफ) की शुरुआत 2015 में की गयी.

पिछले वर्ष चार अप्रैल को घोषित हुई थी रैंकिंग
एनआईआरएफ ने विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, फार्मेसी और प्रबंधन संस्थाओं के लिए बीते वर्ष चार अप्रैल को पहली भारतीय रैंकिंग, 2016 प्रस्तुत की थी. ‘‘इस वर्ष की रैंकिंग आगामी तीन अप्रैल को घोषित की जाएगी.’’ 

इन पांच मानदंडों पर तय होती है रैंकिंग
कुशवाहा ने बताया एनआईआरएफ पांच व्यापक मापदंडों के आधार पर संस्थानों को रैंकिंग प्रदान करता है. इनमें शिक्षण-अधिगम संसाधन, अनुसंधान एवं व्यावसायिक प्रक्रियाएं, पहुंच एवं समावेशिता, अवर स्नातक परिणाम और अवधारणा जैसे मानक शामिल हैं.

एनआईआरएफ में इस साल कम संस्थान हुए शामिल
पिछले साल इसमें विभिन्न क्षेत्रों के 3563 संस्थानों को शामिल किया गया और इस साल कुछ कम संस्थान शामिल हुए हैं. इस वर्ष 2735 संस्थानों ने हिस्सा लिया है जिनमें 43 मेडिकल कॉलेज और 49 लॉ कॉलेज पहली बार इसमें शामिल हुए हैं.

मंत्री ने कहा कि इसमें देश के संस्थानों की रैंकिंग को वैज्ञानिक तरीके से मापा जाता है जिससे छात्रों को शिक्षण संस्थान का चुनाव करने में मदद मिल सके.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्थानों की रैंकिंग के बारे में मंत्रालय का कहना है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग को लेकर उनमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं.

मंत्रालय का कहना है कि इस प्रक्रिया में 80-90 हजार विद्वान अमेरिका और पश्चिमी देशों के होते हैं लेकिन भारत सरकार अब भारतवंशी समुदाय को इस संबंध में अपने साथ जोड़ रही है तथा अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों को यहां पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाता है जिससे निश्चित रूप से सुधार होगा. (इनपुट भाषा से)


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