महाराष्ट्र सरकार ने स्टूडेंट्स के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं की परीक्षा में असफल होने वाले छात्रों को दूसरा मौका देने का फैसला किया है. सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे असफल हो चुके छात्रों के लिए 7 अगस्त को ओरल परीक्षा (Oral Examination) आयोजित करें. सोमवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (GR) में कहा गया कि COVI-19 महामारी के मद्देनजर इन छात्रों के लिए फिर परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं होगा. लेकिन छात्रों को स्कूल बुलाकर या वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ओरल परीक्षा (Oral Examination) आयोजित की जानी चाहिए.
सरकारी प्रस्ताव (GR) में ये भी कहा गया है कि ओरल एग्जामिनेशन क्लियर करने वाले छात्रों को अकेडमिक ईयर 2020-21 के लिए 10वीं और 12वीं क्लास में पदोन्नत किया जाएगा. बता दें कि साल 2018 में असफल छात्रों के लिए दोबारा से परीक्षाएं आयोजित कराई गई थीं, लेकिन इस साल कोरोनावायरस महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है.
वहीं, सीबीएसई ने कुछ समय पहले अपने सभी स्कूलों को नोटिस जारी करके कहा था कि 9वीं और 11वीं क्लास के जो स्टूडेंट्स एग्जाम में फेल हो गए हैं, उन्हें परीक्षा में फिर से बैठने का अवसर प्रदान किया जाए. 13 मई को जारी हुए सीबीएसई के एक नोटिस में कहा गया था कि ये अवसर उन सभी स्टूडेंट्स को दिया जाना चाहिए जो परीक्षा में फेल हो गए हैं.
वहीं, कई राज्यों के बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा दिए ही पास कर दिया है, तो कुछ बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट्स, टेस्ट और टर्मिनल एग्जाम के अधार पर स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में पदोन्नत कर दिया है.
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