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This Article is From Aug 29, 2019

मजदूर की बेटी ने पास की NEET परीक्षा, अब बनेगी डॉक्टर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में मिला एडमिशन

NEET निकालने वाली मजदूर की लड़की को अब लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया है.

मजदूर की बेटी ने पास की NEET परीक्षा, अब बनेगी डॉक्टर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में मिला एडमिशन
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के साथ नीट क्रैक करने वाली छात्रा शशि
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मजदूर की बेटी ने नीट परीक्षा क्रैक की.
शशि को अब लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया है.
उन्हें दिल्ली सरकार की योजना के तहत कोचिंग मिली थी.
नई दिल्ली:

इंसान चाहे तो कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत के बल पर सफलता हासिल कर सकता है. एक मजदूर की लड़की नीट का एंट्रेस एग्‍जाम (NEET Entrance Exam) क्रैक कर इस बात का एक और उदाहरण बन गई हैं. नीट (NEET) परीक्षा निकालने वाली जीटीबी नगर के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय की छात्र शशि को अब लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया है. उनके पिता एक मजदूर हैं और वह प्रतिदिन महज 300 रुपये कमाते हैं, ऐसी विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी शशि ने हार नहीं मानी और आज उन्हें इसका फल मिला है. शशि की मेहनत के साथ ही उनकी सफलता में दिल्ली सरकार की जय भीम मुख्मंत्री प्रतिभा विकास योजना का भी हाथ है. जय भीम मुख्मंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत उन्हें 4 महीने प्रावेट कोचिंग का लाभ उठाने को मिला. दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने शशि से मुलाकात की.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजेंद्र पाल गौतम के ट्वीट को रिट्वीट कर लिखा - अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दें तो एक पीढ़ी में देश से ग़रीबी दूर हो सकती है. मुझे इतनी ज़्यादा ख़ुशी है कि इस योजना की वजह से अब इतने ग़रीब बच्चे भी डाक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं. मुझे ख़ुशी है कि ये योजना ग़रीब बच्चों के सपनों को पंख लगाने का काम कर रही है.

आपको बता दें कि शशि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. उनके पिता एक मजदूर और मां एक गृहिणी हैं. वह इससे पहले 2017 में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में उपस्थित हुई थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई थी. जिसके बाद उन्होंने इस साल दलित छात्रों के लिए दिल्ली सरकार की मुफ्त कोचिंग योजना के बारे में जाना जिसके तहत उन्हें एक निजी संस्थान में चार महीने की कोचिंग मिली. इस योजना के तहत, इस वर्ष संस्थान में 107 छात्रों ने कोचिंग प्राप्त की. मुफ्त कोचिंग के अलावा छात्रों को किताबों और अन्य खर्चों के लिए 10,000 रुपये भी दिए गए थे.

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