
नई दिल्ली:
प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के पहले वर्ष के एक छात्र ने परिसर में एक मोबाइल कैंटीन बनाया है जहां छात्रों को उनका पसंदीदा फास्ट फूड मिलता है. राजनीतिशास्त्र के छात्र रौनक कपूर ने बताया, ‘‘तेल में तर-बतर बिरयानी या अन्य कैंटीनों में मिलने वाली खाने पीने की आम चीजों के बजाय मेरे कैंटीन के खानों से युवा आसानी से जुड़ जाते हैं.’’ कपूर की कैंटीन में चिकेन सैंडविच, कोल्ड कॉफी, नूडल्स और अन्य सामग्री मिलती हैं. 20 वर्षीय छात्र ने बताया, ‘‘हम नियमित रूप से एक-एक चीज शामिल कर रहे हैं.’’
मोबाइल वैन के सामने एकत्र छात्रों के एक समूह का हवाला देते हुये उन्होंने कहा, ‘‘हम आम कैंटीनों के लिए एक विकल्प बन गये हैं और आज की पीढ़ी को उनका पसंदीदा खाना देते हैं.’’ एक मार्च से शुरू हुई कैंटीन में रोजाना करीब 35,000 से लेकर 40,000 रूपये तक की बिक्री होती है और दोपहर तक खुली रहती है. इससे पहले प्रशासन ने प्रयोग करने के लिए रौनक से फरवरी में चार दिन कैंटीन चलाने को कहा था और यह सफल रहा था. संस्थान में यह पहली बार है जब इसका छात्र कोई कैंटीन चला रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्टॉर्ट अप है. मैं एक छात्र हूं और मेरे साथी छात्र, प्रशासन, संकाय सदस्य मेरे ग्राहक हैं. लोग सस्ता और स्वास्थ्यवर्धक खाना ढूंढते हैं. मेरा मानना है कि मेरे कैंटीन मे यह दोनों खासियत है.’’ कुलपति अनुराधा लोहिया ने बताया, ‘‘हमने हमेशा स्टॉर्टअप का समर्थन किया है और जब रौनक ने इसके लिए हमसे संपर्क किया तो हमने आपत्ति नहीं की. हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी शुरूआत और उद्यमियों को प्रेरित करेगा.’’
मोबाइल वैन के सामने एकत्र छात्रों के एक समूह का हवाला देते हुये उन्होंने कहा, ‘‘हम आम कैंटीनों के लिए एक विकल्प बन गये हैं और आज की पीढ़ी को उनका पसंदीदा खाना देते हैं.’’ एक मार्च से शुरू हुई कैंटीन में रोजाना करीब 35,000 से लेकर 40,000 रूपये तक की बिक्री होती है और दोपहर तक खुली रहती है. इससे पहले प्रशासन ने प्रयोग करने के लिए रौनक से फरवरी में चार दिन कैंटीन चलाने को कहा था और यह सफल रहा था. संस्थान में यह पहली बार है जब इसका छात्र कोई कैंटीन चला रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्टॉर्ट अप है. मैं एक छात्र हूं और मेरे साथी छात्र, प्रशासन, संकाय सदस्य मेरे ग्राहक हैं. लोग सस्ता और स्वास्थ्यवर्धक खाना ढूंढते हैं. मेरा मानना है कि मेरे कैंटीन मे यह दोनों खासियत है.’’ कुलपति अनुराधा लोहिया ने बताया, ‘‘हमने हमेशा स्टॉर्टअप का समर्थन किया है और जब रौनक ने इसके लिए हमसे संपर्क किया तो हमने आपत्ति नहीं की. हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी शुरूआत और उद्यमियों को प्रेरित करेगा.’’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं