नई दिल्ली:
नौकरी की तलाश में लगे लोग इन दिनों स्टार्ट-अप कंपनियों से मिलने वाले जॉब ऑफर्स को लेकर सोच समझ कर ही कदम उठा रहे हैं। एक्सपर्ट की मानें तो नौकरी की तलाश में जुटे अपने लॉन्ग-टर्म गोल्स के रिस्क को देखते हुए स्टार्ट-अप कंपनियों के साथ जुड़ने को लेकर खासी सावधानी बरत रहे हैं। हाल ही में आईआईटी बॉम्बे ने 9 स्टार्ट-अप कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है। इन कंपनियों पर कुछ ग्रेजुएट्स के प्रस्तावों को बदलने समेत कई नियमों के उल्लंघन करने को लेकर एक साल पेनॉल्टी लगाई गई है।
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आईआईटी बॉम्बे द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद से नौकरी की तलाश में जुटे स्टार्ट-अप कंपनियों से मिलने वाले ऑफर्स को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सतर्क हो गए हैं। हायरिंग कंसलटेंसी माइकल पेज के डायरेक्टर अंकित अग्रवाल का कहना है कि स्टार्ट-अप कंपनियों के ऑफर्स ठुकराने वालों की संख्या में और ज्यादा कमी आ सकती है, क्योंकि इस तरह के करियर मूव्स से जॉब सीकर्स के लॉन्ग-टर्म प्रोफेशनल गोल्स पर असर पड़ सकता है।
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साथ ही उन्होंने कहा कि, सीनियर और अच्छे स्किल्स वाले उम्मीदवारों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए स्टार्ट-अप कंपनियों को और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। ग्लोबलहंट के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील गोयल ने कहा है कि, टॉप इंस्टीट्यूट्स अपने छात्रों को एक बेहतर शुरुआत देना चाहते हैं, जिसके लिए वह सिर्फ सैलरी ही नहीं बल्कि ऑफर लैटर और जॉब की स्थिरता को लेकर भी पूरी तरह से आश्वस्त रहना चाहते हैं।
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