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This Article is From Apr 16, 2020

JNUSU ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से की मांग, कहा- स्‍टूडेंट के लिए शुरू की जाए मानसिक चिकित्‍सा हेल्‍पलाइन

JNUSU की अपील की पृष्ठभूमि में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का वह निर्देश है जिसमें सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन स्थापित करने को कहा गया है.

JNUSU ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से की मांग, कहा- स्‍टूडेंट के लिए शुरू की जाए मानसिक चिकित्‍सा हेल्‍पलाइन
जेएनयू के छात्र संघ ने मेंटल हेल्‍थ हेल्‍पलाइन शुरू करने की मांग की है
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (JNUSU) ने बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया कि लॉकडाउन की वजह से अकादमिक गतिविधियां बंद होने के कारण तनाव ग्रस्त छात्रों के लिए मानसिक चिकित्सा हेल्पलाइन शुरू की जाए. 
एक वक्तव्य में विश्वविद्यालय ने कहा कि उसने कोरोनावायरस के बारे में सही जानकारी देने के लिए एक कोविड-19 (COVID-19) पोर्टल शुरू किया है.

JNUSU की अपील की पृष्ठभूमि में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का वह निर्देश है जिसमें सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन स्थापित करने को कहा गया है.

छात्र संघ ने कुलपति एम जगदीश कुमार को लिखे पत्र में कहा, "यह वास्तव में कठिन समय है. बहुत से छात्र मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं. अकादमिक नुकसान, भविष्य की चिंता, जिम्मेदारियां, घर पर रहने संबंधी समस्याओं से छात्र घिरे हैं."

छात्र संघ ने मांग की है कि जेएनयू के छात्रों को यथासंभव मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराई जाए.

इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान स्‍टूडेंट्स की मनो-सामाजिक चिंताओं को दूर करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का निर्देश दिया है.

UGC के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा, "राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान, कोविड-19 के समय और बाद में स्‍टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य तथा मनो-सामाजिक चिंताओं पर गौर करना भी उतना ही जरूरी है."

उन्होंने पत्र में कहा, "इसलिए, मौजूदा स्थिति में छात्रों में उनकी पढ़ाई, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों को लेकर तनाव या अवसाद जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेजों को मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन शुरू करनी चाहिए. इस हेल्पलाइन पर नियमित रूप से नजर रखी जाए और काउंसलर तथा संकाय सदस्यों द्वारा उसको प्रबंधित किया जाए."

जैन ने कहा, "विश्वविद्यालय छात्रावास वॉर्डन और वरिष्ठ संकाय के नेतृत्व में छात्रों के लिए कोविड-19 सहायता समूह भी बनाया जाए, जो मदद की दरकार रखने वाले दोस्तों और सहपाठियों की पहचान करे."

इनपुट: भाषा 

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