Young Scientist Program: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के स्कूली बच्चों के विशेष कार्यक्रम "यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम" में देश भर से चुने गए 150 जूनियर वैज्ञानिकों की टीम में झारखंड का एक छात्र भी होगा. झारखंड के रामगढ़ जिले के एक ग्रामीण इलाके का रहने वाला कक्षा 10वीं का एक छात्र इसरो के दो सप्ताह लंबे कार्यक्रम में जूनियर वैज्ञानिकों की एक टीम का हिस्सा होगा.
यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 2022) के तहत छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उभरते रुझानों से अवगत कराया जाएगा. इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों को 16-28 मई 2022 तक अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों के बारे में बुनियादी ज्ञान दिया जाएगा. छात्र प्रयोगशालाओं का दौरा करेंगे, प्रख्यात वैज्ञानिकों की वार्ता में भाग लेंगे और आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र सहित इसरो के विभिन्न केंद्रों पर प्रायोगिक प्रदर्शनों को भी देखेंगे.
सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त ओपी जिंदल स्कूल, पतरातू की एक छात्रा रिषिका अग्रवाल को "यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम" के लिए चुना गया है. राष्ट्रीय परीक्षा के माध्यम से रिषिका को इसरो के 150 युवा वैज्ञानिकों की टीम में शामिल होने का मौका मिला है. उन्होंने कहा, "यह मेरी अब तक की सबसे अच्छी गर्मी की छुट्टी होगी. इससे मुझे अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने के सपने के पूरे होने के एहसास को पूरा करने में मदद करेगी." छात्र के स्कूल की प्रिंसिपल श्वेता मलानी ने कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व का क्षण है.
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