केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई मेन्स पेपर बेस्ड एग्जाम 2 अप्रैल, 2017 को कराया गया. अब कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम की बारी है जिसका आयोजन बोर्ड द्वारा 8 और 9 अप्रैल, 2017 को विभिन्न सत्रों में किया जाएगा. अधिकांश छात्रों के लिए यह पहला कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम होगा. इससे पहले ओएमआर शीट पर मार्क किया करते थे और अब कंप्यूटर स्क्रीन पर मार्क करना होगा. जाहिर है शुरुआत में थोड़ी टेंशन जरूरी होगी. हम आपको बता रहे हैं ऐसी कुछ जरूरी बातें जो जेईई का कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम देने से पहले जानना आवश्यक हैं.
- जेईई मेन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट छात्रों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. इससे छात्रों को जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. अनावश्यक चीजों पर उनका वक्त बर्बाद नहीं होता. वह और अधिक एकाग्र होकर टेस्ट सोल्व कर पाते हैं.
- परीक्षा लोकल एरिया नेटवर्क (लैन) पर होती है जिससे छात्र बिना किसी रुकावट के एग्जाम दे पाते हैं.
- कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम में क्वेशन पेपर लीक का कोई रिस्क नहीं रहता.
- ऐसा सोचना गलत है कि कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम के लिए आपको कंप्यूटर ऑपरेशंस आने चाहिए. जबकि सच तो यह है कि इस एग्जाम के लिए की-बोर्ड और माउस चलाना आना ही काफी है.
- पेन-पेपर बेस्ड एग्जाम की ही तरह कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम में भी विद्यार्थियों के पास वापस जाने और अपने उत्तरों की समीक्षा करने की सुविधा रहती है.
- पेन-पेपर बेस्ड एग्जाम के मुकाबले कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम का एक फायदा ये होता है कि इसमें आप अपना उत्तर किसी भी समय बदल सकते हैं. जबकि पेपर मोड में ओएमआर शीट को पेन से मार्क करने के बाद आप अपना उत्तर बदल नहीं सकते.
- कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम दे रहे छात्रों को कैलकुलेशन्स के लिए रफ शीट दी जाती है.
- छात्र कभी भी जेईई मेन 2017 की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मोक ऑनलाइन टेस्ट सोल्व कर सकते हैं. इससे काफी हद तक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आइडिया मिल जाएगा.
गौरतलब है कि सीबीएसई आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अन्य केंद्रीय वित्तपोषण वाले तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में दाखिले के लिए अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है.
- जेईई मेन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट छात्रों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. इससे छात्रों को जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. अनावश्यक चीजों पर उनका वक्त बर्बाद नहीं होता. वह और अधिक एकाग्र होकर टेस्ट सोल्व कर पाते हैं.
- परीक्षा लोकल एरिया नेटवर्क (लैन) पर होती है जिससे छात्र बिना किसी रुकावट के एग्जाम दे पाते हैं.
- कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम में क्वेशन पेपर लीक का कोई रिस्क नहीं रहता.
- ऐसा सोचना गलत है कि कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम के लिए आपको कंप्यूटर ऑपरेशंस आने चाहिए. जबकि सच तो यह है कि इस एग्जाम के लिए की-बोर्ड और माउस चलाना आना ही काफी है.
- पेन-पेपर बेस्ड एग्जाम की ही तरह कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम में भी विद्यार्थियों के पास वापस जाने और अपने उत्तरों की समीक्षा करने की सुविधा रहती है.
- पेन-पेपर बेस्ड एग्जाम के मुकाबले कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम का एक फायदा ये होता है कि इसमें आप अपना उत्तर किसी भी समय बदल सकते हैं. जबकि पेपर मोड में ओएमआर शीट को पेन से मार्क करने के बाद आप अपना उत्तर बदल नहीं सकते.
- कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम दे रहे छात्रों को कैलकुलेशन्स के लिए रफ शीट दी जाती है.
- छात्र कभी भी जेईई मेन 2017 की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मोक ऑनलाइन टेस्ट सोल्व कर सकते हैं. इससे काफी हद तक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आइडिया मिल जाएगा.
गौरतलब है कि सीबीएसई आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अन्य केंद्रीय वित्तपोषण वाले तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में दाखिले के लिए अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है.
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