नई दिल्ली: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था "Small aim is crime, have a great aim." यूं तो JEE एडवांस्ड का टॉपर बनना भी किसी बड़े लक्ष्य से काम नहीं पर लय का इरादा तो और भी ऊंचा है. ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (JEE) एडवांस्ड 2018 में नौवीं रैंक हासिल करने वाले लय जैन बाकी टॉपर की तरह आईआईटी बॉम्बे जाने की तैयारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि टॉपर बनने के लिए जो लय और ताल चाहिए उससे वे कोई पहली बार रूबरू नहीं हो रहे हैं.
असल में फिजिक्स में खासी दिलचस्पी रखने वाले लय पिछले साल इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में पांच राउंड क्लियर करते हुए गोल्ड मेडल हासिल कर अपना सुनहरा भविष्य लिख चुके थे. इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड के गोल्ड मेडलिस्ट को दुनिया की टॉप रैंक वाली यूनिवर्सिटीज जैसे मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी वगैरह एडमिशन ऑफर करतीं हैं. लय को भी टेक्नोलॉजी के लिहाज़ से दुनिया की नंबर एक माने जाने वाले अमेरिकी संस्थान मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी यानी MIT ने एडमिशन ऑफर किया. लय ने तय किया है कि वे MIT से फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में मेजर करेंगे.
लय को शुरू से ही फिजिक्स में काफी दिलचस्पी थी और उन्होंने इंजीनियरिंग की परीक्षाओं के साथ-साथ इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड की तैयारी की. उन्होंने 95 देशों के बेहतरीन छात्रों से मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता. लय देश के पहले ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए गोल्ड जीतने का गौरव हासिल किया है. वे रूस में हुए एशियन फिजिक्स ओलंपियाड में भी कांस्य पदक जीत चुके हैं.
एनडीटीवी से बातचीत में लय बताते हैं कि अगर आप इस तरह के ओलिंपियाड क्रैक करते हैं और किसी वजह से आप भारत के कॉम्पिटिटिव एग्जाम जैसे जेईई में अच्छा प्रदर्शन नहीं भी कर पाते हैं तब भी आपका भविष्य शानदार है. 2016 में लय किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) में भी प्रथम स्थान हासिल कर चुके हैं और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) के स्कॉलर भी रह चुके हैं.