
International Day Of Forests 2021: आज दुनियाभर में इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे मनाया जा रहा है. जरा सोच कर देखिए अगर जंगल न होते तो हम सांस कैसे लेते. वहीं ईंधन के रूप में, मनुष्य का अस्तित्व जंगलों पर निर्भर है. स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार, भारत में ग्रामीण आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ईंधन, चारे, छोटे लकड़ी, बांस और गैर-लकड़ी वन उत्पादों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों पर निर्भर है. इसके साथ ही, जंगल जानवरों के लिए आवास प्रदान करते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, वन जलवायु के लिए एक स्थिर बल हैं और ग्रह पर पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सभी प्रकार के जंगलों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में, 21 मार्च को इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे में मनाया जाता है. आइए जानते हैं, आपको वनों की रक्षा के लिए क्यों काम करना चाहिए.
कब से शुरू हुआ इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में 21 मार्च को इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे (IDF) घोषित किया. यह दिवस सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. प्रत्येक इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे के लिए थीम हर साल अलग होती है.
इस साल इसकी थीम, ‘फॉरेस्ट रेस्ट्रोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल बीइंग' है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस साल की थीम UN Decade on Ecosystem Restoration (2021-2030) पर आधारित है. जिसका उद्देश्य दुनियाभर के ecosystem का बचाव और पुनरुत्थान करना है.
कैसे मनाया जाता है इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे
प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस में, देशों को वनों और वृक्षों जैसे वृक्षारोपण अभियानों से संबंधित गतिविधियों को आयोजित करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. प्रत्येक वर्ष, दुनिया हमारे जीवन में पेड़ों के योगदान का जश्न मनाती है. बता दें, हर साल इस दिन को हमारे जीवन में वनों के महत्व को समझने के लिए किया जाता है.
इंटरनेशनल फॉरेस्ट डे के फैक्ट्स
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 60,000 से अधिक प्रजातियों के साथ, वन विश्व के स्थलीय जैव विविधता के लगभग 80 प्रतिशत के लिए घर हैं. लगभग 1.6 बिलियन लोग भोजन, आश्रय, ऊर्जा, दवाओं और आय के लिए सीधे जंगलों पर निर्भर हैं.
संयुक्त राष्ट्र में कहा है, हर साल दुनियाभर में लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर वन काम होता है जो कि वायु परिवर्तन का मुख्य कारण है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हम जिन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं उनमें से 25 प्रतिशत इन्हीं वनों से मिलती हैं. न्यूयॉर्क, टोक्यो, बार्सिलोना और बोगोटा समेत कई बड़े शहरों का एक तिहाई हिस्सा पीने के पानी के लिए इन संरक्षित वनों पर निर्भर करता है.
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