
Indira Gandhi Birthday: इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था.
- इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं.
- इंदिरा गांधी के पिता का नाम जवाहरलाल नेहरू था.
- इंदिरा गांधी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था.
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इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से जुड़ी 10 बातें
1. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. उनका पूरा नाम था- 'इंदिरा प्रियदर्शिनी' था. जबकि इंदिरा गांधी के घर का नाम 'इंदु' था.
2. जवाहरलाल नेहरू को इंदिरा और फिरोज के रिश्ते से एतराज था. इंदिरा गांधी ने नेहरू के खिलाफ जाकर साल 1942 में फिरोज से शादी की थी.
3. साल 1959 में 42 वर्ष की उम्र में इंदिरा गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बन गईं और साल 1966 में 24 जनवरी को इंदिरा गांधी भारत की तीसरी और प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं थीं. इंदिरा गांधी 16 साल तक देश की प्रधानमंत्री रहीं थीं.
4. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद 21 महीनों तक देश भर में आपातकाल लागू रहा. आपातकाल के समय विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को रातों-रात जेल में डाल दिया गया था और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया.
5. आपातकाल का असर साल 1977 में हुए आम चुनाव में देखने को मिला. 1977 में इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई थी.
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6. इंदिरा गांधी ने 3 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था, जिसमें भिंडरावाला और उसके समर्थकों को मार गिराया गया था. एक जून, 1984 से आठ जून, 1984 तक चले इस अभियान में सैकड़ों लोग मारे गए.
7. इंदिरा गांधी ने 1971 में कड़े फैसले लिए थे. 1971 में पाकिस्तान में गृहयुद्ध के हालात पैदा हो गए थे, पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) आजादी की मांग कर रहा था. इंदिरा सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान को समर्थन देने का फैसला किया. भारत-पाक के बीच जंग छिड़ गई. महज 11 दिनों के भीतर पाकिस्तान ने भारत के आगे घुटने टेक दिए थे, जिसके बाद भारत ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश को मान्यता दे दी.
8. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए. उन्होंने 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. इन बैंकों पर अधिकतर बड़े औद्योगिक घरानों का कब्ज़ा था.
9. इंदिरा गांधी को साल1971 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
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10. भुवनेश्वर में 30 अक्टूबर 1984 की दोपहर इंदिरा गांधी ने अपना आखिरा भाषण दिया था. उन्होंने कहा था "मैं आज यहां हूं. कल शायद यहां न रहूं. मुझे चिंता नहीं मैं रहूं या न रहूं. मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है. मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा भारत को मजबूत करने में लगेगा. " उनके इस भाषण को सुन लोग हैरान हो गए थे. इंदिरा गांधी 30 अक्टूबर की शाम को ही वहां से वापस दिल्ली लौट आईं. 31 अक्टूबर की सुबह 9 बजे इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही कॉन्स्टेबल सतवंत सिंह ने की थी.
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