अमेरिका में वर्ष 2020 में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वालों छात्रों में से 47 प्रतिशत छात्र केवल भारत और चीन से थे.
एक ताजा सरकारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई. साथ ही इसमें कहा गया कि कोविड-19 के कारण विदेशी छात्रों की संख्या में काफी कमी आई है.
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा प्रवर्तन (आईसीई) का हिस्सा ‘स्टूडेंट एंड एक्चेंज विजिटर प्रोग्राम' (एसईवीपी) की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में एफ-1 और एम-1 छात्रों के एसईवीआईएस में एक करोड़ 25 लाख सक्रिय रिकॉड हैं, जो वर्ष 2019 के मुकाबले 17.86 प्रतिशत कम है.
एफ-1 वीजा अमेरिका के कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय में अकादमिक कार्यक्रम में अथवा अंग्रेजी भाषा कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विदेशी छात्रों को दिया जाता है, वहीं एम-1 वीजा वोकेशनल और तकनीकी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए आरक्षित होता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के मुकाबले 2020 में अमेरिकी स्कूलों में नए विदेशी छात्रों के पंजीकरण में 72 प्रतिशत की कमी आई है. इसमें कहा गया कि एसईवीआईएस के मुताबिक चीन से 382,561 , भारत से 207,460, दक्षिण कोरिया से 68,217, सऊदी अरब से 38,039, कनाडा से 35,508 और ब्राजील से 34,892 छात्र आए.
वर्ष 2020 में एसईवीआईएस के सभी सक्रिय रिकॉड का 47 प्रतिशत (590,021) चीन (382,561) से अथवा भारत (207,460) से थे. वहीं वर्ष 2019 में यह संख्या 48 प्रतिशत थी.
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