आईआईटी मद्रास में संस्कृत में अभिवादन गीत गाने को लेकर हुआ विवाद 

कार्यक्रम के दौरान आईआईटी-मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति भी मौजूद थे. राममूर्ति ने कहा कि संस्थान छात्रों को कोई निर्देश जारी नहीं करता कि कोई विशेष गीत ही गाया जाए.

आईआईटी मद्रास में संस्कृत में अभिवादन गीत गाने को लेकर हुआ विवाद 

आईआईटी मद्रास

खास बातें

  • कुछ लोग संस्कृत की जगह तमिल भाषा का इस्तेमाल करने की मांग कर रहे थे
  • केंद्रीय मंत्री भी थे कार्यक्रम में मौजूद
  • विपक्षी पार्टी ने भी की घेराबंदी
नई दिल्ली:

भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) मद्रास में एक कार्यक्रम के दौरान संस्कृत में अभिवादन गीत गाने को लेकर विवाद हो गया. दरअसल, कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों की मांग थी कि छात्र संस्कृत भाषा की जगह तमिल भाषा में अभिवादन गीत गाया जाए. गौरतलब है कि इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन भी मौजूद थे. दोनों आईआईटी मद्रास के पास स्थापित होने जा रहे राष्ट्रीय बंदरगाह, जलमार्ग एवं तट प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) के शिलान्यास के अवसर पर यहां पहुंचे थे.

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कार्यक्रम के दौरान आईआईटी-मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति भी मौजूद थे. राममूर्ति ने कहा कि संस्थान छात्रों को कोई निर्देश जारी नहीं करता कि कोई विशेष गीत ही गाया जाए. उन्होंने कहा कि हम छात्रों को कोई विशेष निर्देश नहीं जारी करते. वे खुद अभिवादन गान चुनते हैं और ऐसे मौकों पर गाते हैं. वहीं एमडीएमके प्रमुख वाइको ने संस्कृत भाषा में गीत गाने की निंदा की और कहा कि कार्यक्रम में इसे थोपा जाना स्वीकार नहीं है.

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उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की. वाइको ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विभिन्न तौर-तरीकों से राज्य पर संस्कृत और हिंदी थोपना चाह रही है. हालांकि इस विवाद पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कोई टिप्पणी नहीं की है. 


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