मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर 8 मार्च को देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाएगा. सरकार ने इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 7 मार्च तक थीम आधारित विशेष अभियान शुरू किया है. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि शिक्षा के माध्यम से छात्राओं और महिलाओं के सशक्तीकरण की गति को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा उत्सव पूरे वर्ष जारी रहेगा. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "सरकार ने छात्राओं की शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है. यह 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की योजना की सफलता की कई वजहों में से एक है, जिससे शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों का कुल नामांकन अनुपात अब लड़कों की तुलना में अधिक है."
उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर लड़कों के 89.28 प्रतिशत के मुकाबले लड़कियों का नामांकन अनुपात 94.32 प्रतिशत है. माध्यमिक स्तर पर लड़कों के 78 प्रतिशत की तुलना में लड़कियों का नामांकन 81.32 प्रतिशत है. निशंक ने कहा, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्राओं को अपने जीवन में उत्कृष्टता लाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियां शुरू करने का फैसला लिया गया है, ताकि छात्राएं यह साबित कर सकें कि लैंगिक भिन्नता उत्कृष्टता हासिल करने में बाधक नहीं है."
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग गोलमेज वार्ता का आयोजन करेगा और कई अन्य गतिविधियों के बीच देशभर के लगभग 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों पर महिला सशक्तीकरण के कई अन्य कार्यक्रम शुरू करेगा. निशंक ने बताया कि छात्राओं में नेतृत्व के गुणों और आत्मविश्वास का पोषण करने के लिए मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 और उसके बाद के शैक्षणिक सत्रों की कम से कम आधी अवधि के लिए कक्षा मॉनिटर 'मैं हूं मॉनिटर' के रूप में छात्रा को नामित करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने यह भी बताया कि योग ओलंपियाड की तर्ज पर स्कूल स्तर पर लड़कियों के लिए एक सेल्फ डिफेंस ओलंपियाड का आयोजन किया जाएगा. लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारी स्कूलों की छठी से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है.
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में संस्कृति और थिएटर क्लबों को महिलाओं के मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक, माइम शो आदि आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. निशंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय अपने-अपने परिसरों में विभिन्न स्थानों पर महिला हेल्पलाइन नंबरों को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे.
निशंक ने कहा, "छात्राओं को प्रेरित करने के लिए स्कूलों में पूरे वर्ष सप्ताह में एक बार सुबह विशेष सभाओं का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन सभाओं में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर चुकी महिलाओं पर वार्ता, रोल प्ले, दिन के सद्विचार और महिला सशक्तीकरण पर समूह गायन किया जाएगा."
उन्होंने कहा कि शिक्षा, खेल, नृत्य, संगीत, कला, सामाजिक सेवा और ऐसे ही कुछ नए क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं