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This Article is From Sep 14, 2020

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- हिंदी भारतीय संस्कृति का अटूट अंग, देश को एकता के सूत्र में पिरोने का करती है काम

Hindi Diwas 2020: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि भारत की भाषायी विविधता ही उसकी मजबूती और एकता की निशानी है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- हिंदी भारतीय संस्कृति का अटूट अंग, देश को एकता के सूत्र में पिरोने का करती है काम
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- नई शिक्षा नीति से हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं का समानांतर विकास होगा
नई दिल्ली:

Hindi Diwas 2020: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि भारत की भाषायी विविधता ही उसकी मजबूती और एकता की निशानी है और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) से हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं का समानांतर विकास होगा. अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर सिलसिलेवार ट्वीट कर और एक वीडियो संदेश में कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति का अटूट अंग है और स्वतंत्रता संग्राम के समय से यह राष्ट्रीय एकता और अस्मिता का प्रभावी व शक्तिशाली माध्यम रही है. उन्होंने कहा, ‘‘एक देश की पहचान उसकी सीमा व भूगोल से होती है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी पहचान उसकी भाषा है. भारत की विभिन्न भाषाएं व बोलियां उसकी शक्ति भी हैं और उसकी एकता का प्रतीक भी. सांस्कृतिक व भाषाई विविधता से भरे भारत में ‘हिंदी' सदियों से पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम कर रही है.''

शाह ने कहा कि हिंदी की सबसे बड़ी शक्ति इसकी वैज्ञानिकता, मौलिकता और सरलता है. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति से हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं का समानांतर विकास होगा.'' शाह ने कहा कि हिंदी हर राज्‍य की भाषा को ताकत देती है और उसकी प्रति‍स्‍पर्धा कभी भी स्‍थानीय भाषा से नहीं रही. उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे भारत के जनमानस में ज्‍यादा स्‍पष्‍ट होने की जरूरत है.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में आज भारत एक संसाधन-संपन्न शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहा है और इसमें देश की समृद्ध भाषा हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है.

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक मंचों पर प्रधानमंत्री जी द्वारा हिंदी में दिए गए भाषणों से, हिंदी का वैश्वि‍क कद मजबूत हुआ है और हिंदी प्रेमियों को प्रेरणा भी मिल रही है. इससे देश की युवा पीढ़ी भाषा के साथ जुड़ने की ओर अग्रसर हुई है. बस, आवश्‍यकता इस बात की है कि आगामी पीढ़ी को अधिक से अधिक सूचनाएं हिंदी में उपलब्ध कराई जाएं और उनमें ऐसे संस्कार विकसित किए जाएं कि वह मूल रूप से हिंदी भाषा में काम करें.''

शाह ने सरकारी कर्मचारियों, बैंक व अन्य संस्थाओं को अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों से यह आह्वान भी करता हूं कि अपनी मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग कर उनके संरक्षण व संवर्धन में अपना योगदान देने का संकल्प लें.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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