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This Article is From Mar 04, 2020

मूक बधिर बच्चों के अभिभावकों को इशारे की भाषा सिखाएगी हरियाणा सरकार

गुड़गांव और फरीदाबाद समेत हर जिले में न बोल सकने वाले बच्चों की पहचान करके उनके उपचार की विशेष व्यवस्था करवाई जाएगी.

मूक बधिर बच्चों के अभिभावकों को इशारे की भाषा सिखाएगी हरियाणा सरकार
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:

हरियाणा सरकार ने ऐसे बच्चों के मन की बात सुनने की कोशिश की है जो बोल सकने में असमर्थ हैं. गुड़गांव और फरीदाबाद समेत हर जिले में न बोल सकने वाले बच्चों की पहचान करके उनके उपचार की विशेष व्यवस्था करवाई जाएगी. हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने जिला उपायुक्तों से कहा है कि वे संबंधित जिलों में 0 से 3 आयु वर्ग के पांच-पांच श्रवण एवं वाणी बाधित बच्चों की पहचान करें, ताकि उन्हें जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों के सहयोग से अरली इंटरवेंशन केंद्रों पर स्पीच थैरेपी साइन लैगवेज की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके.

राज्यपाल ने कहा, जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए इस कार्यक्रम के तहत 0 से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को तो स्पीच थैरेपी दी ही जाएगी. साथ ही साथ उनके माता-पिता को भी 'साइन लैंगवेज' का ज्ञान करवाया जाएगा. प्रदेश में 6 वर्ष तक के श्रवण एवं वाणी बाधित बच्चों को उन्हीं की भाषा में शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 10 स्पेशल प्ले स्कूल भी खोले जाएंगे.

इसके साथ-साथ 10 अन्य सामान्य स्कूल जिनमें श्रवण एवं वाणी बाधित बच्चे होंगे, उनमें डीफ अध्यापक व संकेतिक भाषा के दुभाषिए अध्यापक नियुक्त किए जाएगें." उन्होंने 0 से 3 आयु वर्ग के ज्यादा से ज्यादा बच्चों पहचान करने वाले जिला आयुक्तों को विशेष अवार्ड देने की बात कही.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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