गुजरात के सूरत की रहने वाली 17 वर्षीय ख़ुशी चिंदलिया (Khushi Chindaliya) को पर्यावरण के प्रति प्यार और लगाव के चलते बेहद कम उम्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. ख़ुशी चिंदलिया (Khushi Chindaliya) को महज 17 साल की उम्र में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने भारत के लिए क्षेत्रीय राजदूत यानी रीजनल एंबेसडर (RA) के रूप में नियुक्त किया है. एंबेसडर के रूप में चुनी गई 17 वर्षीय ख़ुशी चिंदलिया (Khushi Chindaliya) का अपनी इस उपलब्धि पर कहना है कि उन्होंने अपने होमटाउन के चारों ओर फैली हरियाली को सूखा पड़ते देखकर प्रकृति को बचाने के उपाय खोजने शुरू कर किए थे.
खुशी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, "जब मैं और मेरा परिवार शहर में नए घर में शिफ्ट हुए, तो मुझे चारों तरफ हरियाली दिखाई देती थी. मेरे घर के पास चीकू के पेड़ों ने कई पक्षियों को रहने की जगह दी और हम पूरी तरह प्रकृति से घिरे हुए थे. लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई तो मैंने हरियाली को ठोस जंगलों में बदलते देखा और तब मुझे महसूस हुआ कि मेरी छोटी बहन प्रकृति की सुंदरता का आनंद नहीं ले पाएगी जैसा मैंने बचपन में लिया था. यह वो पल था जब मैं प्रकृति के बारे में अधिक जागरूक हो गई और मैंने अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा करने के तरीकों को तलाश करना शुरू कर दिया."
Gujarat: Khushi Chindaliya, 17-year-old girl from Surat has been appointed as Regional Ambassador for India by United Nations Environment Programme Tunza Eco-Generation.
— ANI (@ANI) September 22, 2020
She says, "Impassioned about conserving environment. I appeal everyone to spread awareness to safeguard it." pic.twitter.com/sRhkLr5C1Z
प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की इच्छा और कोशिशों ने आज 17 वर्षीय खुशी को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम -Tunza Eco-Generation का क्षेत्रीय राजदूत बना दिया है.
इस सम्मानजनक नियुक्ति के बाद ख़ुशी को पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण संरक्षण में भारत के योगदान पर चर्चा करने का मौका मिलेगा. उनको दुनिया भर के अन्य राजदूतों के साथ इस विषय पर चर्चा करने का अवसर भी मिलेगा.
खुशी की इस उपलब्धि पर उनकी मां बिनिता ने कहा, "हमारे घर के पास काफी हरियाली थी, जहां पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियां आती थीं. ख़ुशी हमेशा अपनी छोटी बहन के साथ बालकनी से उन्हें देखने जाती थी. मैंने हमेशा अपने बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की सीख दी है. मुझे बहुत गर्व है कि ख़ुशी को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है."
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