वाशिंगटन:
भारत में शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली लड़कियां भाषा से जुड़े प्रदर्शन में लड़कों से आगे हैं जबकि लड़कों का गणित में प्रदर्शन ज्यादा अच्छा होता है. एक नए शोध में यह पता चला है.
ड्यूक विश्वविद्यालय के प्रतिभा पहचान कार्यक्रम के शोधकर्ताओं ने पाया है कि अमेरिका में भाषायी प्रदर्शन मे लड़कियां लड़कों से आगे है और गणित क्षेत्र में भी वे लड़कों के साथ अपने अंतर की दूरी को पाटने की कोशिश कर रही हैं.
हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका और भारत दोनों ही जगह शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली लड़के विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
ड्यूक टीआईपी प्रतिभा खोज 2011 से 2015 तक चली थी. इसमें अमेरिका में सातवीं में पढ़ने वाले 3,20,554 विद्यार्थियों और भारत में सातवीं में पढ़ने वाले 7,119 विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इन पर किए गए शोध में यह परिणाम सामने आया है.
पुराने और वर्तमान दौर के विद्यार्थियों में अंतर जानने के लिए अमेरिका में सेट या एक्ट टेस्ट (एसएटी या एसीटी) लिया गया था और भारत एस्सेट (एएसएसईटी) टेस्ट लिया गया था.
गणित के परीक्षण में अमेरिका में 28 फीसदी लड़कियों को शीर्ष स्तर के अंक मिले जबकि 1980 के दशक में महज सात फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले थे. भारत में केवल 11 फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले.
भाषायी परीक्षा में लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ दिया. इसमें 60 फीसदी लड़कियों को शीर्ष स्तर के अंक मिले. भारत में कम संख्या में भागीदारी के बावजूद 62 फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले.
ड्यूक विश्वविद्यालय के प्रतिभा पहचान कार्यक्रम के शोधकर्ताओं ने पाया है कि अमेरिका में भाषायी प्रदर्शन मे लड़कियां लड़कों से आगे है और गणित क्षेत्र में भी वे लड़कों के साथ अपने अंतर की दूरी को पाटने की कोशिश कर रही हैं.
हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका और भारत दोनों ही जगह शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली लड़के विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
ड्यूक टीआईपी प्रतिभा खोज 2011 से 2015 तक चली थी. इसमें अमेरिका में सातवीं में पढ़ने वाले 3,20,554 विद्यार्थियों और भारत में सातवीं में पढ़ने वाले 7,119 विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इन पर किए गए शोध में यह परिणाम सामने आया है.
पुराने और वर्तमान दौर के विद्यार्थियों में अंतर जानने के लिए अमेरिका में सेट या एक्ट टेस्ट (एसएटी या एसीटी) लिया गया था और भारत एस्सेट (एएसएसईटी) टेस्ट लिया गया था.
गणित के परीक्षण में अमेरिका में 28 फीसदी लड़कियों को शीर्ष स्तर के अंक मिले जबकि 1980 के दशक में महज सात फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले थे. भारत में केवल 11 फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले.
भाषायी परीक्षा में लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ दिया. इसमें 60 फीसदी लड़कियों को शीर्ष स्तर के अंक मिले. भारत में कम संख्या में भागीदारी के बावजूद 62 फीसदी लड़कियों को इस स्तर के अंक मिले.