विज्ञापन
This Article is From Feb 11, 2016

जैमर को लेकर सरकार की नीति का पालन करें सभी विश्वविद्यालय व कॉलेज: UGC

जैमर को लेकर सरकार की नीति का पालन करें सभी विश्वविद्यालय व कॉलेज: UGC
केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा चिंता जताए जाने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए जैमर लगाने की इच्छा रखने वाले सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा है कि जैमरों के लिए ‘‘अनधिकृत विनिर्माताओं’’ से खुली नीलामी आमंत्रित करना नियमों का उल्लंघन है तथा इस संबंध में उन्हें सरकारी नीति का पालन करना चाहिए।

यूजीसी ने कहा कि परीक्षार्थियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित उपकरणों के जरिए गड़बड़ियों से रोकने के लिए सांविधिक परीक्षा आयोजन इकाइयों (Statutory examination conducting bodies) को कम क्षमता के जैमर तैनात करने की अनुमति दी गई है ।

यहां से लें जैमर
इसने हालांकि कहा कि वर्तमान जैमर नीति के तहत इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड दो कंपनियां हैं जिनसे परीक्षाओं के लिए जैमर हासिल किए जा सकते हैं ।

यूजीसी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया, ‘‘अनधिकृत विनिर्माताओं से खुली निविदा आमंत्रित करना इस संबंध में भारत सरकार की नीति का उल्लंघन है ।’’ विश्वविद्यालयों को परीक्षा सत्र से पहले नियमों का पालन करने की सलाह देते हुए यूजीसी ने यह भी कहा कि जैमरों की तैनाती और इन्हें हासिल करने के संबंध में सचिव (सुरक्षा), केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय की पूर्व अनुमति आवश्यक है ।

पिछले महीने, केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय ने यूजीसी को पत्र लिखकर कहा था कि ‘‘जैमरों का प्रसार एक गंभीर सुरक्षा चिंता है तथा जैमरों की खरीद के लिए अनधिकृत स्रोतों से खुले टेंडर आमंत्रित करना नीति का उल्लंघन है ।’’

पिछले साल अनियमितताओं के चलते एआईपीएमटी परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इस घटनाक्रम से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र से परीक्षा केंद्रों पर फोन जैमर लगाने को कहा था। 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com