Final Year Exams 2020: फाइनल ईयर एग्जाम पर आज होगी सुनवाई, SC सुनाएगा अंतिम फैसला

Final Year Exams 2020: लंबे इंतजार के बाद सुप्रीम कोर्ट आज यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम ईयर की परीक्षाओं को लेकर आज अपना अंतिम फैसला सुनाएगा.

Final Year Exams 2020: फाइनल ईयर एग्जाम पर आज होगी सुनवाई, SC सुनाएगा अंतिम फैसला

अंतिम ईयर की परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला.

नई दिल्ली:

Final Year Exams 2020: लंबे इंतजार के बाद सुप्रीम कोर्ट यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम ईयर की परीक्षाओं को लेकर आज अपना अंतिम फैसला सुनाएगा. अदालत यूजीसी (UGC) मामले में अपना अंतिम आदेश या निर्णय आज 10:30 बजे सुनाएगी. यूजीसी के 6 जुलाई के दिशानिर्देशों के खिलाफ 31 छात्रों द्वारा परीक्षा रद्द करने की याचिका को कोर्ट में पेश करने वाले वकील ने इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के परीक्षाओं पर अंतिम फैसले का इंतजार लाखों छात्र कर रहे हैं, लेकिन आज छात्रों का इंतजार खत्म हो जाएगा. 

सुप्रीम कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षा टालने वाली याचिका पर पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी. इस दौरान यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इसी के साथ अदालत ने सभी पक्षों से तीन दिन के भीतर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था. अदालत ने ये भी कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द होंगी या नहीं. इसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी और परीक्षा को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा. 

सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तथ्य स्पष्ट हैं. जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि क्या यूजीसी के आदेश और निर्देश में सरकार दखल दे सकती है. इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा था कि छात्रों का हित किसमें है? ये छात्र तय नहीं कर सकते, इसके लिए वैधानिक संस्था है, छात्र ये सब तय करने के काबिल नहीं हैं.

UGC ने कोर्ट में कहा था कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में परीक्षा आयोजित करने पर राजनीतिक विरोध कर रही है. मई में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ पैनल ने भी परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की थी. राज्य सरकार यह नहीं कह सकती कि परीक्षा आयोजित न करें. अधिक से अधिक राज्य सरकार ये कह सकती है कि परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी जाए.

यूजीसी ने दलील दी थी कि विश्वविद्यालय के कुलपतियों को मई में महाराष्ट्र सरकार द्वारा बैठक के लिए बुलाया गया था. इस बैठक में फैसला लिया गया कि पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को पास किया जा सकता है, लेकिन अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा की जरूरी है.

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इस बैठक के बाद एक याचिका युवा सेना द्वारा दायर की गई जिसकी अध्यक्षता  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे ने की. इसी युवा सेना की याचिका के बाद सरकार का भी विचार बदल गया और वह परीक्षा के खिलाफ हो गई. जबकि राज्य सरकार को परीक्षा रद्द करने का अधिकार ही नहीं है.