नई दिल्ली: फुटवेयर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) को 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' का दर्जा दिया गया है और अब वह खुद से विद्यार्थियों को डिप्लोमा और डिग्री दे सकेगा. वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सी आर चौधरी ने यह बात कही है. एडीडीआई विधेयक जुलाई 2017 में संसद में पारित हुआ था और एफडीडीआई अधिनियम 2017 के प्रावधान कल से लागू हुए हैं.
चौधरी ने कहा कि डिग्री मुद्दे को हल करने की प्रतिबद्धता एफडीडीआई को 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' का दर्जा मिलने के साथ खत्म हो गई है. इसके साथ ही, सरकार ने एफडीडीआई को उच्च स्तर पर अपग्रेड करने का आश्वासन दिया है ताकि यह प्रभावी ढंग से चमड़ा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे सके.
उन्होंने कहा कि अब इन संस्थान को उद्योग की जरुरत के आधार पर अपना पाठ्यक्रम "डिजाइन करने की स्वायत्तता" और विद्यार्थियों को डिग्री देने की सुविधा मिल गई है. सरकार चमड़ा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि यह लगभग 44.2 लाख लोगों को रोजगार देती है.
चौधरी ने कहा कि डिग्री मुद्दे को हल करने की प्रतिबद्धता एफडीडीआई को 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' का दर्जा मिलने के साथ खत्म हो गई है. इसके साथ ही, सरकार ने एफडीडीआई को उच्च स्तर पर अपग्रेड करने का आश्वासन दिया है ताकि यह प्रभावी ढंग से चमड़ा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे सके.
उन्होंने कहा कि अब इन संस्थान को उद्योग की जरुरत के आधार पर अपना पाठ्यक्रम "डिजाइन करने की स्वायत्तता" और विद्यार्थियों को डिग्री देने की सुविधा मिल गई है. सरकार चमड़ा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि यह लगभग 44.2 लाख लोगों को रोजगार देती है.
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