UPSC 2019: सिविल सेवा परीक्षा 2019 में सफल होने वाले छात्रों की सफलता की कहानी अपने-आप में संघर्षपूर्ण और चुनौतियों से भरी रहीं, लेकिन महिलाओं का सफ़र अन्य परीक्षार्थियों से बेहद जुदा रहा है. चाहे वो रैंक 3 प्रतिभा वर्मा हो या रैंक 10 प्राप्त करने वाली संजिता महापात्रा. दोनों की सफलता और संघर्ष की कहानी सब कुछ ख़ुद ही बयां करती हैं.
संघ लोक सेवा आयोग 2019 में रैंक 10 और उड़ीसा सिविल सर्विस परीक्षा में रैंक 2 अपने नाम करने वाली संजिता महापात्रा उड़ीसा के राउरकेला की रहने वाली हैं. उनके पिता एक बिजनेसमैन, तो वहीं माता जी गृहिणी हैं और बड़ी बहन BHEL में नौकरी करती हैं. आईएएस बनने का सपना संजिता ने बचपन में ही देखा था. लेकिन सपने देखना जितना आसान है उन्हें पूरा करना उतना ही चुनौतीपूर्ण. संजिता का सफ़र भी कुछ ऐसा ही है.
संजिता ने 2012 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद ' राउरकेला स्टील प्लांट ' में 5 सालों तक नौकरी की लेकिन सपना तो कुछ और ही था. अंतत: 2018 में नौकरी छोड़कर पढ़ाई में दोबारा जुट गईं. संजिता ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी यूपीएससी के लिए कॉलेज में रहते हुए ही दो अटेम्पट दिए जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली. लेकिन संजिता ने हार नहीं मानी और 2019 में आखिरकार सफलता हासिल कर ही दम लिया. आपको बता दें कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग सेल्फ स्टडी से ये मुकाम हासिल किया है.
एनडीटीवी से अपना सफ़र साझा करते हुए उन्होंने कहा कि - '' मैं कॉलेज टाइम से ही अखबार रोज़ाना पढ़ती थी. मैंने जॉब करते- करते अपनी तैयारी की. परीक्षा की तैयारी में इंटरनेट ने मेरी बहुत अधिक मदद की क्योंकि मुझे शुरुआत में पढ़ने की सामग्रियों के विषय में बिल्कुल जानकारी नहीं थी. '' साथ ही संजिता ये भी बताती हैं कि सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए माहौल दिल्ली आकर ही मिलता है जो अन्य जगह काफी मुश्किल हो जाता है.
संजिता का मानना है कि परीक्षार्थियों का उसके ऑप्शनल विषय से कनेक्शन होना आवश्यक है. वो बताती हैं कि - '' मैं पढ़ाई के लिए घंटों को नहीं बल्कि दिन के टारगेट को महत्व देती थी. '' अपनी मेहनत और संघर्ष के सफ़र के विषय में संजिता बताती हैं कि वो सपने ही क्या जो पूरा करने के लिए जी-जान ना लगाना पड़े.
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